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वाड्रा का बचाव, केजरीवाल का पलटवार

७ अक्टूबर २०१२

भारत की सबसे ताकतवर महिला और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद पर करोड़ों की हेराफेरी के आरोप लगने के बाद मामला राजनीति से सराबोर होता जा रहा है. रॉबर्ट वाड्रा सफाई देते फिर रहे हैं.

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तस्वीर: AP

भारत की प्रमुख निर्माण कंपनी और भारतीय क्रिकेट लीग कराने वाली दिल्ली की डीएलएफ ने इस बात की सफाई दी है कि उन्होंने सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को आर्थिक फायदा नहीं पहुंचाया है. इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता और हाल ही में राजनीतिक पार्टी बनाने वाले अरविंद केजरीवाल ने इन दावों को खारिज कर दिया है.

केजरीवाल ने डीएलएफ की सफाई के बाद ट्वीट किया, "कम से कम डीएलएफ ने अपनी बात तो रखी. लेकिन यह आधे सच और असत्य से भरे हैं. कई जानकारियों को दबा दिया गया है." केजरीवाल का कहना है कि वह आगे की कार्रवाई से पहले वाड्रा का बयान जानना चाहेंगे, "हम कल विस्तार से इस बारे में जानकारी देंगे. लेकिन क्या वाड्रा डीएलएफ की सफाई से संतुष्ट हैं या उन्हें कुछ और कहना है. हम उनकी बात को भी सुनना पसंद करेंगे."

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तस्वीर: Reuters

डीएलएफ ने इस बात से इनकार किया है कि उसने सोनिया गांधी के दामाद 43 साल के रॉबर्ट वाड्रा को बिना किसी गारंटी के भारी भरकम कर्ज दिया ताकि उसे "सरकार की तरफ से फायदा" मिलता रहे. शनिवार को जारी अपने बयान में कंपनी ने कहा कि उसने वाड्रा को 65 करोड़ रुपये का कर्ज दिया, जिसमें से 15 करोड़ रुपये लौटा दिए गए और बाकी के 50 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी गई.

केजरीवाल और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के दावों को नकारते हुए डीएलएफ ने कहा कि उसने कभी भी वाड्रा को फायदा नहीं पहुंचाया और न ही दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों से किसी तरह का लाभ उठाने की कोशिश की. दिल्ली के अलावा हरियाणा और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं और इनकी जमीन का बहुत बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अंतर्गत आता है.

कांग्रेस ने भी इस बात को खारिज कर दिया है कि वह इस मामले में किसी तरह की जांच कराना चाहती है. वाड्रा की शादी 1997 में सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी से हुई है. केजरीवाल का दावा है कि डीएलएफ ने मामूली पैसे लेकर वाड्रा को काफी कर्ज दिया है. इस बारे में जांच की मांग पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है, "किस बात की जांच. क्या दो पक्षों के बीच कारोबारी लेनदेन गैरकानूनी है. क्या यह कोई अपराध है."

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अन्ना के साथ केजरीवालतस्वीर: Reuters

लेकिन बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाने का फैसला कर लिया है. उसने केजरीवाल की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि वाड्रा के खिलाफ जांच होनी चाहिए. केजरीवाल का कहना है, "राष्ट्र को इस बात की जानकारी पाने का हक है कि उन्हें क्यों कौड़ियों के भाव घर और जमीन दिए गए. निश्चित तौर पर डीएलएफ इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा था."

उधर, वाड्रा ने भी इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि केजरीवाल और प्रशांत भूषण सस्ती लोकप्रियता कमाना चाहते हैं, "मैं कानून का पालन करने वाला एक नागरिक हूं, जो पिछले 21 साल से बिजनेस कर रहा है. केजरीवाल और भूषण ने मेरे ऊपर जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं. वे बेबुनियाद और मुझे बदनाम करने वाले हैं."

आरोप लगने के दो दिन बाद बयान जारी कर वाड्रा ने कहा, "मैंने अपने कारोबार के बारे में साफ साफ सरकार के सामने कागज रखे हैं. ये कागजात सार्वजनिक हैं और जो भी जानना चाहे, वह इससे जानकारी हासिल कर सकता है."

आजादी के बाद से ज्यादातर समय भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर नेहरू गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य सत्ता में रहा है. फिलहाल मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री हैं लेकिन राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि सत्ता पर असली पकड़ नेहरू गांधी परिवार की सोनिया गांधी की ही है, जो इटली में पैदा हुई हैं और जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से शादी की थी.

कांग्रेस कई बार इस बात का संकेत दे चुकी है कि वह सोनिया गांधी के बेटे 42 साल के राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बना सकता है. हालांकि हाल के सालो में पार्टी भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर बुरी तरह जूझ रही है. अब भारत के सबसे ताकतवर परिवार पर भ्रष्टाचार से जुड़ा हमला होने के बाद पार्टी की स्थिति और खराब हो सकती है.

एजेए/एमजी (पीटीआई, एएफपी)