रायसीना डायलॉग का छठा संस्करण शुरू
१३ अप्रैल २०२१भूराजनीति और भूअर्थशास्त्र के ताजा हालात की समीक्षा करने वाला रायसीना डायलॉग सम्मेलन 2016 में शुरू हुआ था. हर साल इसका आयोजन भारत का विदेश मंत्रालय और थिंक-टैंक 'आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन' मिल कर करते हैं. इस साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से इसका आयोजन पूरी तरह वर्चुअल रूप से किया जा रहा है.
50 देशों और बहुराष्ट्रीय संगठनों के सदस्य इस बार सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार 80 से भी ज्यादा देशों से 2,000 से ज्यादा लोगों ने सम्मेलन के लिए पंजीकरण कराया है. इस साल सम्मेलन की थीम है "#वायरलवर्ल्ड: आउटब्रेक्स, आउटलायर्स एंड आउट ऑफ कंट्रोल."
चर्चा के विषय रहेंगे - "किसका बहुराष्ट्रवाद? संयुक्त राष्ट्र का पुनर्गठन और संबंधित विषय; आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित रखना और उनमें विविधता उत्पन्न करना; वैश्विक 'पब्लिक बैड्स": देशों, व्यक्तियों और संगठनों की जवाबदेही तय करना; इंफोडेमिक: बिग ब्रदर के युग में 'नो ट्रुथ' दुनिया में राह तलाशना; और ग्रीन स्टिमुलस: जेंडर, वृद्धि और विकास में निवेश.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वीडियो संदेश के साथ सम्मेलन की शुरुआत करेंगे. रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन पहले सत्र में मुख्य अतिथि होंगे. आगे के सत्रों में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोर्रिसन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल भी हिस्सा लेंगे.
इसके अलावा सम्मेलन में कई देशों के पूर्व प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे और मौजूदा विदेश मंत्री भी हिस्सा लेंगे. इनमें फ्रांस, पुर्तगाल, जापान, इटली, ईरान, तुर्की और कई अन्य देश शामिल हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री जां-ईव लु द्रिआं इस समय भारत के दौरे पर हैं. वह सम्मेलन में दिल्ली से ही जुड़ेंगे और उसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी अलग से मिलेंगे.