भारत में ट्रंप मोदी के बीच क्या बात होगी
२१ फ़रवरी २०२०राजनीति और सुरक्षा के मामलों में बड़ा सहयोग कर रहे भारत और अमेरिका एक दूसरे को आयात शुल्कों से चोट पहुंचाते हैं. पिछले महीने ही दोनों देशों के बीच कठिन बातचीत के बात एक छोटा कारोबारी समझौता तो हुआ लेकिन अधिकारियों के नजर में वह बस नाम का ही है.
अमेरिका भारत के विशाल पॉल्ट्री और डेयरी बाजार तक पहुंचना चाहता है. इसके साथ ही अमेरिकी कारोबारी स्टेंट जैसे मेडिकल उपकरणों की कीमतें पर नियंत्रण और स्थानीय रूप से डाटा को स्टोर करने जैसे कदमों को अपने व्यापार के लिए खर्च बढ़ाने वाला मानते हैं.
इधर भारतीय प्रधानमंत्री 2019 में वापस ली गईं व्यापार छूटों को बहाल करने के साथ ही अमेरिका बाजार को भारतीय दवाओं और कृषि उत्पादों के लिए खुलवाना चाहते हैं. सबसे ऊपर प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा है कि अमेरिका भारत के साथ चीन वाला बर्ताव ना करे जिसकी अर्थव्यवस्था भारत से कई गुना बड़ी है.
लास वेगस में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार समझौते पर मिले जुले संकेत दिए. उन्होंने कहा, "हम भारत जा रहे हैं और हम वहां बड़े समझौते कर सकते हैं. शायद हम इसे धीरे धीरे करें, हम इसे चुनाव के बाद करेंगे."
नरेंद्र मोदी का राजनीतिक घर रहे अहमदाबाद में लाखों लोगों के साथ ट्रंप का स्वागत करने की तैयारी चल रही है. ट्रंप यहां रोड शो करते हुए एक लाख की क्षमता वाले क्रिकेट स्टेडियम में पहुंच कर एक रैली करेंगे. पिछले साल अमेरिका के ह्यूस्टन में "हाउडी मोदी" कार्यक्रम में दोनों नेताओं ने 50 हजार से ज्यादा भारतीय अमेरिकी लोगों की उत्साही भीड़ को संबोधित किया था. वहां ट्रंप ने मोदी की तुलना भीड़ जुटाने के मामले में एल्विस प्रेस्ले से की थी. भारत में इससे बड़ी रैली के जरिए ट्रंप का स्वागत करने की तैयारी चल रही है.
भारत के विदेश सचिव हर्ष सिंघानिया का कहना है, "24 फरवरी को एयरपोर्ट पर पहुंचने के साथ ही मेहमानों का भारत के विख्यात आवभगत और अनेकता में एकता की संस्कृति के प्रदर्शन से स्वागत किया जाएगा. सिंघानिया ने कहा कि दसियों हजार आम लोगों और कलाकार भारत के अलग अलग राज्यों की कला को भारत रोडशो के दौरान दिखाएंगे.
डॉनल्ड ट्रंप के साथ दो दिन के दौरे पर उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप भी आ रही हैं. उनके सहयोगियों का कहा है कि ह्यूस्टन में मोदी की रैली के बाद से ही वो भारत आने के लिए बेहद रोमांचित हैं.
ट्रंप भी अपनी चुनावी रैलियों में भारी भीड़ जुटाने के लिए जाने जाते हैं लेकिन यह भीड़ आमतौर पर 10 से 20 हजार की होती है. उन्हें उम्मीद है कि भारत में उनका स्वागत करने के लिए करोड़ों लोग जमा होंगे. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे इसका वादा किया है.
भीड़ जुटाने और स्वागत समारोहों के अलावा उम्मीद की जा रही है कि दोनों पक्ष एक बड़ी डील भले ही ना कर पाएं लेकिन कुछ मामलों में एक दूसरे को कुछ छूट दे सकते हैं. सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के भारत विशेषज्ञ रिचर्ड एम रोसो का कहना है, "कुछ चीजों का एक छोटा पैकेज है जो भारत समझौते की मेज पर रख सकता है. मेरे ख्याल में इससे भारत के घरेलू आधार को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा."
इनमें हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिलों के आयात शुल्क में कमी एक चीज है जिसकी ट्रंप अकसर चर्चा करते आए हैं. दोनों देश 24 सीहॉक नेवल हैलीकॉप्टरों की खरीदारी का भी एलान कर सकते हैं. यह सौदा करीब 2.6 अरब डॉलर का होगा. इसके साथ ही छह और अपाचे हैलीकॉप्टरों के लिए भी सौदा हो सकता है.
अमेरिका भारत को हथियारों की सप्लाई करने वाले शीर्ष देशों में एक है. बीते पंद्रह सालों में अमेरिका ने करीब 18 अरब डॉलर के हथियार बेचे हैं. पारंपरिक रूप से भारत रूस से हथियार खरीदता आया है लेकिन अब वह पिछड़ रहा है.
ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि ट्रंप और मोदी के बीच कारोबार, 5जी टेलिकॉम, आतंकवाद नियंत्रण, ऊर्जा सुरक्षा, धार्मिक आजादी, कानून का शासन और अहम बताए जा रहे भारत प्रशांत क्षेत्र पर बातचीत होनी है.
अमेरिकी ऊर्जा कंपनी वेस्टिंगहाउस भारत की सरकारी कंपनी न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन के साथ छह परमाणु रिएक्टरों की सप्लाई पर एक नया करार भी कर सकती है. इसके साथ लंबे समय के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा.
कुल मिला कर मसले तो कई हैं जिन पर बात होनी है लेकिन दोनों देशों के रिश्ते में गुजरात की आवभगत से कितनी मिठास घुलेगी फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी.
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)
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