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लीबिया में शाही सेना के हमले तेज

७ मार्च २०११

लीबियाई नेता कर्नल मोअम्मर अल गद्दाफी की सेना विपक्ष के कब्जे वाले रास लानुफ की ओर बढ़ रही है. यहां के निवासी अपना सब कुछ छोड़ कर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचना चाहते हैं. उधर विरोधी खेमे के लड़ाके हथियार छिपाने में लगे.

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तस्वीर: AP

मौके पर मौजूद लोगों के हवाले से रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने लिखा है कि लीबियाई सेना बिन जवाद पर कब्जा कर के रास लानुफ की ओर बढ़ रही है. शुक्रवार को गद्दाफी के विरोधियों ने रास लानुफ को अपने कब्जे में ले लिया लेकिन इसके बाद उन्हें गद्दाफी के पैतृक शहर सिर्ते की ओर नहीं बढ़ने दिया गया.

रास लानुफ के मुख्य होटल से सभी रिपोर्टरों को हटा दिया गया. स्टाफ ने चेतावनी दी थी कि वह अब अतिथियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते.

रॉयटर्स ने विरोधी खेमे के लड़ाकों के हवाले से लिखा है, "हमने सुना है कि हमारे ठिकानों पर बम बरसाए जाएंगे. इसलिए हमने अपने हथियार हटा दिए. उन्हें रेगिस्तान में छिपा दिया है."

उधर बिन जवाद में सेना और विपक्षी खेमे के बीच संघर्ष में 12 लोग मारे गए हैं जबकि 50 के करीब घायल हुए हैं.

NO FLASH Libyen Kämpfe Rebellen
विरोधी खेमे और सेना के बीच भारी झड़पेंतस्वीर: AP

कल लीबिया के पूर्व प्रधानमंत्री अल तलही ने टीवी पर बेनगाजी के वरिष्ठ नागरिकों को संदेश दिया. उन्होंने अपील की कि संकट हल करने के लिए सरकार को बातचीत को मौका दिया जाए. हिंसा खत्म करने के लिए मदद की जाए और विदेशियों को देश में आने और देश पर कब्जा करने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए.

हालांकि इस अपील में गद्दाफी की ओर से समझौते की शर्तों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. उधर विरोध प्रदर्शनकारी इस बात पर अड़े हुए हैं कि गद्दाफी को सत्ता से हटना ही होगा. अभी तक गद्दाफी ने बातचीत का कोई संकेत नहीं दिया है और विद्रोह कर रहे युवाओं को नशेरी में बताया जिन्हें अल कायदा और विदेशी ताकतों ने प्रभावित किया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः महेश झा

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