लापता MH 370 को खोजने के लिए नया अभियान
१० जनवरी २०१८अमेरिका की जिस कंपनी ने विमान को ढूंढ निकालने का करार किया है उसे पैसे तभी मिलेंगे जब वह इसमें कामयाब होगी. खोज का अभियान 90 दिन चलेगा और यह जनवरी के मध्य में शुरू होगा. इसके लिए उच्च क्षमता से लैस जहाज समुद्र की खोजबीन करने वाली कंपनी ओशेन इनफिनिटी ने लीज पर लिए हैं. ये जहाज दक्षिणी हिंद महासागर के एक नए इलाके में खोजबीन शुरू करने वाले हैं.
मलेशिया एयरलाइंस का विमान मार्च 2014 में लापता हो गया था. विमान कुआलालम्पुर से बीजिंग की उड़ान पर था और उसमें चालक दल समेत कुल 239 लोग सवार थे. इस विमान का गायब होना आधुनिक विमानन युग का एक बड़ा रहस्य है. सेटेलाइट से विमान गिरने के संभावित 120,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में खोज करने के बाद भी इसका कोई सुराग नहीं मिला.
ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में समंदर की तलाशी का अब तक का सबसे बड़ा अभियान पिछले साल जनवरी में बंद कर दिया गया. हालांकि इसके बाद तीन कंपनियों ने इसे खोजने की प्रक्रिया निजी तौर पर फिर शुरू करने के लिए आवेदन दिया. लंबी चर्चा के बाद आखिरकार मलेशिया की सरकार ने ओशेन इनफिनिटी को यह काम सौंपने का फैसला किया. करार के तहत अगर कंपनी विमान का पता नहीं लगा सकी तो उसे कोई पैसा नहीं मिलेगा.
मलेशिया के परिवहन मंत्री लुयो टिओंग ने बुधवार को करार पर दस्तखत के बाद कहा, "मैं एमएच370 का रहस्य सुलझाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराना चाहता हूं."
तलाशी का नया इलाका हिंद महासागर में करीब 25 हजार वर्ग किलोमीटर का है. विमान कहां मिलता है इस बात पर भी कंपनी को मिलने वाली फीस तय होगी. अगर विमान 5000 किलोमीटर के दायरे में मिला तो उन्हें 2 करोड़ डॉलर की रकम मिलेगी. इसके बाद जैसे जैसे इलाका बड़ा होगा फीस बढ़ती जाएगी.
लापता विमान के यात्रियों के परिजनों ने इस फैसले का स्वागत किया है. वीपीआर नाथन की पत्नी एनी डेजी भी उस विमान में सवार थीं. उन्होंने समाचार एएफपी से कहा, "एमएच370 विमान की तलाशी शुरू करने के लिए हम मलेशियाई सरकार के अभारी हैं. हम नहीं जानते कि क्या हुआ था, मामले के बंद होने से पहले हमें पता होना चाहिए कि हुआ क्या था?"
तलाशी करने वाला जहाज नॉर्वे का खोजी जहाज है जिसका नाम है सीबेड कंस्ट्रक्टर. इस पर क्रू के 65 सदस्य होंगे और यह दक्षिण अफ्रीका से चल चुका है. जहाज में सोनार और कैमरे से लैस आठ अत्याधुनिक ड्रोन हैं जो प्रभावित इलाके में पानी को एक तरह से छानेंगे. ये ड्रोन 6000 मीटर की गहराई में भी काम कर सकते हैं.
अब तक की तलाशी में लापता विमान के सिर्फ तीन हिस्से मिलने की पुष्टि हुई है. यह सभी हिंद महासागर के पश्चिमी किनारों पर मिले थे.
एनआर/एके (एएफपी)