लड़कियां गोद लेना पसंद करते हैं भारतीय
यूं तो भारतीय समाज में लड़कियों को लड़कों के मुकाबले कम तरजीह दी जाती है. लेकिन गोद लेने के मामले में भारतीय परिवार लड़कियों को तवज्जो देते नजर आते हैं.
महाराष्ट्र सबसे आगे
आंकड़ें बताते हैं कि पिछले छह सालों में जितने बच्चे गोद लिए गए हैं, उनमें तकरीबन 60 फीसदी लड़कियां है. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बच्चे महाराष्ट्र में गोद लिए गए. महाराष्ट्र में साल 2017-18 के दौरान करीब 3276 बच्चे गोद लिए गए. इसमें करीब 1858 बच्चे लड़कियां थीं.
कर्नाटक का स्थान
बच्चियों को गोद लेने के मामले में महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक का स्थान आता है. कर्नाटक में कुल 286 बच्चे गोद लिए गए. इसमें 167 लड़कियां थीं. कर्नाटक के बाद तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल का नाम आता है.
क्यों हैं आगे
सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के मुताबिक महाराष्ट्र बच्चियों को गोद लेने के मामले में सिर्फ इसलिए आगे नहीं है क्योंकि यह राज्य बड़ा है, बल्कि इसका एक बड़ा कारण राज्य में अधिक गोद देने वाली संस्थाओं का होना भी है.
पिछले सालों में
साल 2016-17 में करीब 3210 बच्चे गोद लिए गए थे. इसमें करीब 1915 लड़कियां हैं. साल 2015-16 में गोद लिए जाने वाले बच्चों का कुल आंकड़ा 3011 था. इसमें करीब 1855 लड़कियां थीं और 1156 लड़के.
विदेशी परिवार भी आगे
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सालों में विदेशी परिवारों ने भी भारतीय बच्चों को बड़ी संख्या में गोद लिया है. साल 2017-18 में करीब 651 बच्चों को विदेशी परिवारों ने गोद लिया था. अधिकतर परिवार अमेरिका, इटली, फ्रांस, स्पेन आदि देशों से थे.
बदलता नजरिया
अधिकारी कहते हैं कि अब समाज में लड़कियों को लेकर नजरिया बदल रहा है. लोगों को लगने लगा है कि बच्चियों को संभालना ज्यादा आसान है. अधिकारी ये नहीं मानते कि लड़िकयों को इसलिए गोद लिया जा रहा है क्योंकि उनकी संख्या अधिक है.
ये राज्य भी आगे
इन आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरीखे राज्यों के भी परिवार लड़कियों को गोद लेना अधिक पसंद करते हैं. हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुरुषों और महिलाओं के सेक्स अनुपात में एक बड़ी खाई है.