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लक्ष्मी विलास बैंक पर लगे प्रतिबंध

चारु कार्तिकेय
१८ नवम्बर २०२०

केंद्र सरकार और आरबीआई ने आर्थिक संकट से गुजर रहे लक्ष्मी विलास बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. साथ ही आरबीआई ने बैंक का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और बैंक को सिंगापुर के डीबीएस बैंक के साथ विलय का आदेश दिया है.

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Gebäude der Reserve Bank of India
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Paranjpe

पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक और यस बैंक के बाद एक साल में गहरे वित्तीय संकट से घिर जाने वाले यह तीसरा बैंक है. आरबीआई की सलाह पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है कि बैंक के खाताधारक एक महीने में 25,000 रुपयों से ज्यादा नहीं निकाल पाएंगे. मंगलवार को आरबीआई ने बैंक के बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया और कैनरा बैंक के पूर्व नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन टी एन मनोहरन को बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया.

लक्ष्मी विलास बैंक की स्थापना 1926 में तमिल नाडु में हुई थी और यह 1958 में शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंक बना. बीते कुछ सालों में इसकी वित्तीय हालत खराब होती गई. एनपीए यानी ऐसे लोन जिन्हें लोन लेने वालों ने वापस नहीं चुकाया बढ़ते गए और बैंक का घाटा भी बढ़ता गया.

लगभग दो साल से बैंक खुद को बचाने की कोशिशें कर रहा था, लेकिन अब जाकर आरबीआई को हस्तक्षेप करना ही पड़ा. यह पहली बार है जब केंद्रीय बैंक ने किसी भारतीय बैंक को विदेशी मूल वाले किसी दूसरे बैंक के साथ विलय का आदेश दिया है. डीबीएस बैंक सिंगापुर का सबसे बड़ा बैंक है और भारत में उसकी एक स्थानीय इकाई है.

Indien Mumbai | PMC Bank
पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक और यस बैंक के बाद एक साल में गहरे वित्तीय संकट से घिर जाने वाले यह तीसरा बैंक है.तस्वीर: Reuters/F. Mascarenhas

इसके पहले लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के साथ विलय का प्रस्ताव दिया था, जिसे आरबीआई ने ठुकरा दिया था. उसके बाद बैंक ने क्लिक्स कैपिटल लिमिटेड नामक कंपनी से भी विलय का प्रस्ताव रखा था, लेकिन आरबीआई ने उसे भी मंजूरी नहीं दी. 

अब सरकार और आरबीआई के हस्तक्षेप और प्रस्तावित विलय के बाद की संभावनाओं को लेकर बैंक के खाताधारक और शेयरधारक दोनों चिंतित हो गए हैं. जानकारों का कहना है कि प्रस्तावित विलय के बाद लक्ष्मी विलास बैंक की अपनी पहचान, जमापूंजी, ऋण, घाटे इत्यादि सब समाप्त हो जाएंगे.

जानकारों का कहना है कि इसके बावजूद बैंक में जमा खाताधारकों की पूंजी सुरक्षित है और प्रतिबंधों के अंत होने पर वह उन्हें मिल जाएगी. हालांकि जानकारों का अनुमान है कि शेयरधारकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

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