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कानून और न्याय

लंबे समय तक कैद में रखे जा सकेंगे प्रवासी बच्चे

२२ अगस्त २०१९

अमेरिकी प्रशासन प्रवासी बच्चों को अनिश्चितकाल के लिए कैंपों में रखने की नीति अपनाने जा रहा है. अब तक इसके लिए एक सख्त समयसीमा तय थी.

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Grenzzaun USA Mexiko
तस्वीर: Getty Images/AFP/G. Arias

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सरकार ने घोषणा की है कि वे उन कानूनी शर्तों को हटा देंगे जो सीमा पर बिना जरूरी कागजातों के पकड़े गए प्रवासी बच्चों को हिरासत में रखे जाने से जुड़ी हैं. अमेरिका की घरेलू सुरक्षा एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने कहा है कि वह 1997 के फ्लोरेस सेटलमेंट समझौते को खत्म कर रहा है, जिसके अनुसार सरकार को किसी प्रवासी बच्चे को 20 दिनों से ज्यादा हिरासत में रखने का अधिकार नहीं था. इस बारे में नई नीति अगले 60 दिनों में लागू हो जाएगी. इसमें बच्चों या उनके परिवारों को हिरासत में रखने को लेकर कोई अधिकतम समयसीमा नहीं होगी.

यह कदम इस सोच के साथ उठाया जा रहा है कि इसके कारण प्रवासियों का अमेरिका में आना कम होगा. माना जाता है कि कई प्रवासी ऐसा सोचते हैं कि एक समय के बाद जब अमेरिकी सीमा पुलिस प्रशासन उन्हें छोड़ने के लिए मजबूर हो जाता है तब वे छिप कर अमेरिकी आबादी के बीच रहने लग जाएंगे. राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, "इन बच्चों को दुर्व्यवहार से बचाने और इस तरह के अवैध प्रवेश को रोकने के लिए हमें ऐसे छेद बंद करने होंगे. इंसानियत को इसकी फौरन जरूरत है."

अमेरिकी प्रशासन को दक्षिणी सीमा से प्रवेश करने वाले सेंट्रल अमेरिकी प्रवासियों की बढ़ती संख्या की खास चिंता है. एक बार 20 दिनों तक हिरासत में रखे जाने के बाद जब अवैध प्रवासियों को जाने दिया जाता है तब उन्हें अमेरिकी अदालतों का फैसला आने तक अमेरिका में ही रहना होता है, जिसमें कई बार पांच साल से भी अधिक समय लग जाता है.

फ्लोरेस सेटलमेंट एक मुकदमे का नतीजा था जिसमें हिरासत केंद्र में रखे जाने वाले बच्चों की दुर्दशा और उनसे होने वाले दुर्व्यवहार को लेकर अदालत से दखल देने को कहा गया. समझौते में कैंपों में भी बच्चों को पर्याप्त मानवीय देखभाल दिए जाने और अधिकतम 20 दिनों के बाद या तो उनके परिवार या संबंधियों के साथ रहने भेजना होता है.

प्रवासी और मानवाधिकार समूहों ने फ्लोरेस समझौते में बदलावों का विरोध करने की बात कही है और सरकार पर प्रवासियों के साथ गलत करने का आरोप लगाया है. अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन की अधिकारी माधुरी ग्रेवाल का कहना है, "यह बच्चों पर ट्रंप प्रशासन का एक और क्रूर हमला है. इन्हें ट्रंप प्रशासन बार बार अपनी प्रवासी विरोधी नीतियों से निशाना बनाता आया है."

इसके अलावा भविष्य में राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका में पैदा हुए किसी भी बच्चे को जन्म से अमेरिकी नागरिकता मिलने की नीति को खत्म करना भी इरादा जताया है.

आरपी/एनआर (एएफपी)

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