लंदन एयरपोर्ट के लिए बिना ड्राइवर वाली कार
१६ फ़रवरी २०१८लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर परिवहन के इस नए तंत्र को पीआरटी सिस्टम नाम दिया गया है यानि पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम. ये गाड़ियां अपने आप चलती है और यात्रियों को बिजनेस कार पार्किंग से मुख्य टर्मिनल की इमारत के टर्मिनल 5 तक ले जाती हैं. इन गाड़ियों को हीथ्रो पॉड कहा जा रहा है और ये शहरी भीड़भाड़ में ट्रांसपोर्ट का नया जरिया है. बस का इंतजार करने के बदले यात्री पॉड ले लेते हैं. सिस्टम बनाने वाली कंपनी अल्ट्रा ग्लोबल के एमडी फ्रेजर ब्राउन बताते हैं, " यहां 21 गाड़ियों का एक सिस्टम है जो सचमुच ऑन डिमांड काम करता है. आप यहां तक उसी तरह आते हैं जैसे कि लिफ्ट तक जाएंगे. आप बटन दबाते हैं, दरवाजा खुलता है और आप चल पड़ते हैं."
इस पॉड सिस्टम के विकास से लेकर उसे पक्का बनाने में करीब एक दशक लगा है. इसमें कई यूरोपीय प्रोजेक्टों से फायदा पहुंचा है. इस सिस्टम को भरोसेमंद बनाने के लिए जानी मानी तकनीकों का सहारा लिया गया है. अल्ट्रा ग्लोबल के ऑटो इंजीनियरिंग प्रमुख एडम रडल ने बताया, "हमारी बैटरियां स्पेन से आई हैं. जब हमने निर्माताओं से बात की, उसके पहले से ही उसका प्रोडक्शन हो रहा था. मोटर इटली में बनी हैं और उनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों में हो रहा था."
पटरियों के बगैर चलने वाली इन गाड़ियों पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम भी है. एडम रडल बताते हैं, "गाड़ी पहिए के रोटेशन की गिनती करती है ताकि उसे पता चले कि वह कितनी दूर चली है. इसके अलावा यह लेजर सेंसर का इस्तेमाल करती है ताकि उसे दोनों तरफ सीमाओं का और अपने स्टीयरिंग पोजीशन का पता चल सके."
यह गाड़ियां 99 फीसदी भरोसेमंद है, लेकिन अब भी कुछ बातें हैं जिनकी इंजीनियरों ने पहले कल्पना नहीं की थी. उसमें यात्रियों का व्यवहार भी शामिल है. एडम का कहना है, "जब हम गाड़ी में बैठकर यह सोच रहे थे कि बटन कहां रखा जाए तो हम सब सीट पर सीधे बैठे थे, और बटन सही जगह पर था. लेकिन हम अब पाते हैं कि लोग गाड़ी में आराम से बैठते हैं, थोड़ा मुड़े हुए होते हैं, एक ओर झुके हुए होते हैं और उनके कंधे बटन को दबा देते हैं."
हीथ्रो पॉड यूरोप में अपने तरह का अकेला सिस्टम है. आसान रास्ता और वो भी हाइ वोल्टेज तारों के बगैर. सिर्फ इतना ही नहीं यह लंदन की ट्राम के मुकाबले तीन गुना किफायती भी है.
रिपोर्ट: श्टेफान गाबेल्ट