रोशनी में डूबे जर्मनी के क्रिसमस गार्डन
सर्दियों में जब आसमान में काले बादल छाए रहते हैं और तापमान शून्य के इर्दगिर्द घूम रहा होता है, तब लोगों में गर्मजोशी लाते हैं क्रिसमस के बाजार और क्रिसमस गार्डन.
15 नवंबर से 6 दिसंबर तक जर्मनी के तीन शहर रोशनी से जगमगाते हुए दिखेंगे. बर्लिन, श्टुटगार्ट और ड्रेसडेन में क्रिसमस गार्डन लोगों का दिल जीत रहे हैं.
जर्मनी की राजधानी बर्लिन का बोटैनिकल गार्डन किसी जादुई जगह जैसा दिख रहा है. यहां 15 लाख बल्ब लगे हैं और इन सभी के लिए बिजली अक्षय ऊर्जा से आ रही है.
पश्चिमी यूरोप के देशों में क्रिसमस बाजार तो काफी लोकप्रिय हैं लेकिन क्रिसमस गार्डन की शुरुआत 2013 में इंग्लैंड से हुई. 2016 में पहली बार इस आइडिया को जर्मनी में भी लागू किया गया.
जर्मनी के सबसे पहले क्रिसमस गार्डन के लिए बर्लिन के बोटैनिकल गार्डन को चुना गया. 2017 में लगभग डेढ़ लाख लोग वहां पहुंचे. टिकट का दाम 17 से 19 यूरो के बीच यानी लगभग डेढ़ हजार रुपये था.
2018 में बर्लिन के अलावा श्टुटगार्ट और ड्रेसडेन में भी क्रिसमस गार्डन बनाए गए हैं. उम्मीद है कि इन शहरों में भी बर्लिन जितनी ही भीड़ जमा होगी
ड्रेसडेन के क्रिसमस बाजार को जर्मनी के सबसे खूबसूरत बाजारों में गिना जाता है. अब लोग क्रिसमस बाजार का लुत्फ उठाने के बाद वहां के क्रिसमस गार्डन का भी रुख कर सकेंगे.
ड्रेसडेन में क्रिसमस गार्डन के लिए पिलनित्ज किले और उसके आसपास के बगीचे को चुना गया है. एल्बे नदी पर बसा यह किला रोशनी में और भी खूबसूरत नजर आता है.
इसी तरह श्टुटगार्ट में क्रिसमस गार्डन के लिए विल्हेल्मा गार्डन को चुना गया है. यह दुनिया का एकमात्र ऐसा पार्क है जिसमें बोटैनिकल गार्डन, जू और ऐतिहासिक पार्क एक साथ बनाए गए हैं.
विल्हेल्मा को किसी परिकथा के बगीचे की तरह सजाया गया है. इस जगह को यहां मिलने वाले नीलकमल यानी वॉटर लिली के लिए जाना जाता है.
650 वर्ग मीटर में फैली झील में कमल के ऐसे पत्ते मिलते हैं जो 70 किलो तक का भार उठा सकते हैं. दिन के वक्त विल्हेल्मा का नजारा कुछ ऐसा होता है.
तस्वीर में किसी परिकथा की झोपड़ी जैसे दिख रहे ये घर दरअसल बर्लिन के बोटैनिकल गार्डन में मौजूद ग्रीन हाउस हैं, जिनका इस्तेमाल पौधे उगाने के लिए किया जाता है. रोशनी में नहाए हुए इनका अलग ही रूप उभर रहा है.
लेजर प्रोजेक्टर की मदद से पेड़ों पर रंगों का खेल. ये क्रिसमस गार्डन बिलकुल सपनों की दुनिया जैसे हैं, जहां पेड़ पौधे भी रंग बिरंगे और जगमगाते हुए दिखते हैं.
बिना सैंटा क्लॉज के क्रिसमस अधूरी है. इसलिए क्रिसमस गार्डन में सैंटा की सवारी का होना तो जरूरी है ही. लेकिन क्या इसमें सैंटा के गिफ्ट भी छिपे हैं? यह जानने के लिए तो यहां खुद ही आना होगा.