रोबोटों से सेक्स और शादी के दिन अब दूर नहीं
२६ दिसम्बर २०१६इंसान जैसे दिखने वाले रोबोट्स यानि ह्यूमेनॉयड के साथ इंसान के ऐसे नजदीकी संबंध जोड़ने को लेकर नैतिकता की बहस भी छिड़ गई है. 'सेक्सबॉट्स' कई साइंस फिक्शन फिल्मों का सुपरहित प्लॉट रह चुके हैं. लेकिन अब रोबोटों को सेक्स पार्टनर की तरह इस्तेमाल करने लायक बनाने का आइडिया असली जीवन में लाने की कोशिशें हो रही हैं. जैसे कि आपने हाल कि फिल्मों और टीवी शो जैसे "एक्स-मशीना" और "वेस्टवर्ल्ड" में देखा होगा.
कई विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसा यौन सुख देने के लिए प्रोग्राम किया गया धातु, रबड़ और प्लास्टिक से बना ऐसा पहला एनीमेटेड लवर अबसे कुछ ही महीनों में सामने आने आ जाएगा. यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में आयोजित इंटरनेशनल कांग्रेस ऑन लव एंड सेक्स विद रोबोट्स में बोलते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेविड लेवी ने कहा, "रोबोटों के साथ सेक्स बस शुरु ही होने वाला है, पहले सेक्सबॉट्स बहुत जल्दी आने वाले हैं... बहुत जल्द अगले साल."
अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित कंपनी एबिस क्रिएशंस अगले साल ऐसे सेक्स रोबोटों का प्रचार शुरु करेगी. इनके बिल्कुल इंसानों की तरह बात करने और हिल डुल पाने की योग्यता को दुनिया के सामने रखने की योजना है. इस कहानी को और आगे बढ़ाते हुए लेवी कहते हैं कि 2050 आते आते लोग रोबोटों से शादियां भी करने लगेंगे.
लंदन के इस कॉन्फ्रेंस में रोबोटिक सेक्स टॉयज की दुनिया के लेटेस्ट तकनीकी विकासों को दिखाया गया. जैसे कि ऐसे गैजेट्स जिनसे दो लोग एक दूसरे से कितने भी दूर क्यों ना हों, वे एक दूसरे को किस करने का अनुभव कर पाएंगे. इस खोज को "किसिंगर" कहा जाता है और इसे अपने मोबाइल फोन से जोड़ कर जब कोई किस करता है तो इसके सेंसर किस के दबाव को पार्टनर के मोबाइल से जुड़े डिवाइस में उसी समय पहुंचा देता है.
'लव एंड सेक्स विद रोबोट्स' नाम की किताब लिख चुके लेवी को भरोसा है कि सेक्स और शादी को लेकर सोच काफी तेजी से बदल रही है और आने वाले सालों में "ज्यादा से ज्यादा लोग रोबोट्स से सेक्स और प्रेम को स्वीकार करने लगेंगे."
आरपी/एमजे (एएफपी)