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रूस को इस साल ऊर्जा बेच कर और ज्यादा कमाई

१८ अगस्त २०२२

तेल के निर्यात और गैस की कीमतें बढ़ने के कारण इस साल रूस की कमाई पिछले साल के मुकाबले करीब 38 फीसदी ज्यादा रहेगी. इस कमाई से रूस पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के कारण हुए नुकसान की कुछ भरपाई कर सकेगा.

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रूसी राष्ट्रपति ऊर्जा की कमाई से प्रतिबंधों के कुछ नुकसान की भरपाई कर सकते हैं
रूसी राष्ट्रपति ऊर्जा की कमाई से प्रतिबंधों के कुछ नुकसान की भरपाई कर सकते हैंतस्वीर: Sergei Bobylev/TASS/dpa/picture alliance

रूस के वित्त मंत्रालय के दस्तावेजों से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को मिली जानकारी के मुताबिक इस साल उसे ऊर्जा के निर्यात से करीब 337.5 अरब डॉलर की कमाई होने का अनुमान है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस पैसे से सैन्य खर्च करने या फिर तनख्वाह और पेंशन में इजाफा करने के लिए काफी धन मिल जायेगा. मंदी और महंगाई की मार झेल रही है अर्थव्यवस्था में वह लोगों को थोड़ी राहत देने के उपाय कर सकते हैं.

प्रतिबंधों के असर की भरपाई

हालांकि इस कमाई से वो अर्थअव्यवस्था को हो रहे नुकसान के कुछ हिस्से की ही भरपाई कर सकेंगे. जर्मन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड सिक्योरिटी अफेयर्स के सीनियर एसोसियेट यानिस क्लुगे का कहना है, "रूस की अर्थव्यवस्था पर प्रतिबंधों का असर अलग अलग रहा है, कार उद्योग जैसे सेक्टरों के लिये यह किसी तबाही जैसा है. तेल क्षेत्र तुलनात्मक रूप से अब तक इस मामले में अनछुआ है."

कार के अलावा आईटी और फाइनेंस दो और ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर काफी बुरा असर पड़ा है. क्लुगे का कहना है, "इन क्षेत्रों का पश्चिम के साथ मजबूत संबंध था और इसलिये इन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है."

अनुमान जताया गया है कि रूसी गैस निर्यात की औसत कीमत इस साल दोगुनी हो कर प्रति एक हजार क्यूबिक मीटर के लिए 730 डॉलर रहेगी. इसके बाद यह साल 2025 के आखिर में धीरे धीरे नीचे जायेगी.

रूस को तेल के बढ़े निर्यात औऱ गैस की बढ़ी कीमत का खूब फायदा हुआ है
रूस को तेल के बढ़े निर्यात औऱ गैस की बढ़ी कीमत का खूब फायदा हुआ हैतस्वीर: Nikolai Mikhalchenko/TASS/dpa/picture alliance

यह भी पढ़ेंः भारतीय कंपनियों ने निकाली रूस के कारोबार की जुगत

गैस निर्यात में कमी

रूस यूरोप में गैस का सबसे बड़ा निर्यातक है. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद रूसी गैस की एक पाइपलाइन तो पूरी तरह बंद कर दी गई जबकि दूसरी पाइपलाइन से सप्लाई में काफी कटौती हुई है. कुछ यूरोपीय देशों ने रूस के रूबल में भुगतान करने की शर्त मानने से मना कर दिया है. इसके अलावा रूस से जर्मनी गैस की सप्लाई करने वाले नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन में एक टरबाइन की मरम्मत को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है.

रूस के आर्थिक मंत्रालय से मिले दस्तावेज बता रहे हैं कि रूसी निर्यातक गाजप्रोम की गैस सप्लाई इस साल घट कर 170.4 अरब क्यूबिक मीटर रह जायेगी इससे पहले मई में इसके 185 अरब क्यूबिक मीटर रहने का अनुमान लगाया गया था. 2021 में यह 205.6 अरब क्यूबिक मीटर था.

इन सबके नतीजे में गैस की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. मंत्रालय के दस्तावेजों से पता चलता है कि ऊर्जा का निर्यात अगले साल घट कर 255.8 अरब डॉलर तक जायेगा हालांकि यह फिर भी 2021 के 244.2 अरब डॉलर से ज्यादा रहेगा. मंत्रालय ने इस मामले में पूछे सवालों का जवाब नहीं दिया है.

गैस की कीमत बढ़ने का असर यूरोप की अर्थव्यवस्था पर काफी ज्यादा बढ़ा है. यहां इस साल सर्दियों में ऊर्जा का कोटा तय करने का खतरा मंडरा रहा है, दूसरी तरफ महंगाई कई दशकों के सबसे ऊंचे स्तर पर चली गई है.

नॉर्ड स्ट्रीम 1 से गैस की सप्लाई काफी घट गई है
नॉर्ड स्ट्रीम 1 से गैस की सप्लाई काफी घट गई हैतस्वीर: Jens Büttner/dpa/picture alliance

तेल का उत्पादन बढ़ा

रूस इस बीच तेल का उत्पादन बढ़ा रहा है. प्रतिबंधों के बाद कई एशियाई देशों ने रूस से तेल की खरीदारी बढ़ा दी है. गाजप्रोम चीन को गैस की सप्लाई बढ़ाने की तैयारी में भी है लेकिन इसका अभी ब्यौरा नहीं मिला है.

कुल मिला कर जिस तरह से प्रतिबंधों का असर रहने की कल्पना की गई थी उसके मुकाबले रूस बेहतर ढंग से इनसे निपट रहा है. रूस की अर्थव्यवस्था भी उतनी नहीं सिकुड़ी है जितनी आशंका जताई गई थी. खुद रूसी आर्थिक मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि यह 12 फीसदी तक सिकुड़ सकती है. अगर ऐसा होता तो सोवियत संघ के विघटन और 1990 के दशक में भारी आर्थिक संकट के बाद यह सबसे बुरी स्थिति होती. हालांकि मंत्रालय के मुताबिक इस साल जीडीपी में 4.2 फीसदी की गिरावट आने का अंदेशा है साथ ही वास्तविक आय में 2.8 फीसदी की कमी होगी.

एनआर/आरपी (रॉयटर्स)