रुचिका केस में आम आदमी की जीत हुई: आराधना
२६ मई २०१०पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ की सजा छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने किए जाने पर रुचिका की दोस्त आराधना गुप्ता ने कहा, "मुझे महसूस होता है कि यह जनता की जीत है. ताकतवर लोगों पर आम जनता की जीत है." रुचिका की बचपन की दोस्त आराधना इस फैसले को एक जीत मानती हैं क्योंकि राठौड़ को जेल भेज दिया गया है.
19 साल पहले रुचिका गिरहोत्रा के साथ एसपीएस राठौड़ ने यौन बदसलूकी की थी. उस समय रुचिका की उम्र महज 19 साल थी. आराधना ने बताया, "राठौड़ को जब पहले 6 महीने की सजा सुनाई गई तो मैं महसूस कर सकती थी कि रुचिका मुस्कुरा रही है लेकिन आज के फैसले के बाद आज वह निश्चित ही शांति का अनुभव कर रही होगी. वह यही चाहती थी."
सिडनी में रह रही आराधना फैसले से थोड़ा निराश भी नजर आईं. "मैं खुश हूं लेकिन थोड़ी निराश भी हूं क्योंकि इस अपराध के लिए मैं और सजा दिए जाने की उम्मीद कर रही थी. लेकिन यह भी बहुत मायने रखता है. यह पहली बार है जब इस आदमी को जेल हुई है. पिछले 19 साल में न्यायपालिका ने सच्चाई का पक्ष लिया है. मुझे महसूस होता है कि आम आदमी की जीत है."
आराधना ने कहा कि उनका परिवार और रुचिका के माता पिता 19 सालों से लड़ाई लड़ रहे थे और वह नहीं चाहते थे कि ऐसे अपराध को अंजाम देने के बाद एसपीएस राठौड़ खुलेआम घूमे. "न्याय की दिशा में इसे हम पहला कदम मान रहे हैं. भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 306 के तहत आत्महत्या के लिए मजबूर करने और अन्य आरोपों पर सुनवाई अभी होनी है."
आराधना ने उम्मीद जताई कि राठौड़ ने जो कुछ भी किया है कि उसकी सजा उसे जरूर मिलेगी. उनके मुताबिक पूर्व पुलिस महानिदेशक ने गिरहोत्रा परिवार का उत्पीड़न किया और रुचिका के भाई का करियर तबाह कर दिया. आराधना का कहना है कि रुचिका भी इस ''भेड़िए'' की करतूत दुनिया के सामने लाना चाहती थी. "आत्महत्या से पहले रुचिका ने मुझे दो बातें बताई थीं. पहली तो यह कि आरोपी का पर्दाफाश होना चाहिए और दूसरी यह कि उसे सजा मिलनी चाहिए." रुचिका के मामले को जोरशोर से उठाने के लिए आराधना ने मीडिया का भी आभार जताया है.
एसपीएस राठौड़ को सीबीआई की विशेष अदालत ने छह महीने की सजा सुनाई थी लेकिन इसे कम बताते हुए रुचिका के घरवालों और सीबीआई ने बढ़ाकर दो साल करने की अपील की थी. मंगलवार को चंडीगढ़ की अदालत ने राठौड़ की सजा बढ़ाते हुए डेढ़ साल कर दी. रुचिका गिरहोत्रा एक उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी थी और एसपीएस राठौड़ ने 1990 में उनसे यौन बदसलूकी की थी. राठौड़ के खिलाफ शिकायत करने पर हुए उत्पीड़न से तंग आकर रुचिका ने 1993 में आत्महत्या कर ली थी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह