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रिकॉर्ड हिंसा के बीच कामयाबी का दावा

१६ दिसम्बर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अफगान रणनीति पर प्रशासन की एक समीक्षा रिपोर्ट का कहना है कि पिछले साल अफगानिस्तान में 2011 से सैनिकों की जिम्मेदार वापसी के लिए जरूरी पर्याप्त प्रगति हुई है.

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तस्वीर: AP

रिपोर्ट का कहना है कि सहबंध सेनाएं तालिबान और अल कायदा के खिलाफ सफलताएं हासिल कर रही हैं लेकिन गंभीर चुनौतियां बाकी हैं. रिपोर्ट के अवर्गीकृत सारांश ने पाया है, "अफगानिस्तान में हाल के सालों में तालिबान के आगे बढ़ने को देश के अधिकांश भागों में रोक लिया गया है और कुछ मुख्य क्षेत्रों में उसे पलट दिया गया है, हालांकि ये उपलब्धियां कमजोर और उलट दी जाने वाली हैं."

समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, "सबसे महत्वपूर्ण बात, पाकिस्तान में अल कायदा का नेतृत्व कमजोर पड़ गया है और 2001 में अफगानिस्तान से भागने के बाद से अधिक दबाव में है." रिपोर्ट में पाकिस्तान को क्षेत्र में सफलता के लिए केंद्रीय बताते हुए कहा गया है कि अल कायदा कमजोर हुआ है लेकिन अभी भी अमेरिका पर हमला करने की क्षमता रखता है.

Flash-Galerie Wochenrückblick 2010 KW 49 Afghanistan Soldaten Bundeswehr
Soldaten des Bravo Zugs der Schutzkompanie des zivil-militärischen Wiederaufbauteams (PRT) Kunduz suchen Deckung in einem Feuergefecht bei Qala e Zal während der Operation Halmasag (undatierte Aufnahme). Bei ihrer Offensive gegen die Taliban hat die Bundeswehr die Aufständischen aus dem gefährlichsten Distrikt Nordafghanistans zu großen Teilen verdrängt. Es gebe nun auch in Char Darah «Räume, aus denen die Taliban weitestgehend raus sind», sagte der Kommandeur der Internationalen Schutztruppe Isaf für den Norden, Generalmajor Hans-Werner Fritz, am Dienstag (16.11.2010) in Masar-i-Scharif. Char Darah liegt westlich des deutschen Feldlagers in der Provinz Kundus. Der Distrikt war lange Zeit von den Taliban dominiert und heftig umkämpft. Im September 2009 ließ die Bundeswehr in dem nun eroberten Gebiet zwei von Aufständischen entführte Tanklaster bombardieren.Foto: Bundeswehr/Von Söhnen dpa (zu dpa 0158)तस्वीर: picture alliance/Bundeswehr/Von Söhnen

लंबे समय से प्रतीक्षित रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका 2011 में अपने सैनिकों की संख्या घटाने और अफगान सैनिकों को जिम्मेदारी देने की शुरुआत करने की राह पर है. लेकिन साथ ही कहा गया है कि 2014 से पहले पूरी जिम्मेदारी सौंपने की योजना नहीं है. व्हाइट हाउस की संयमित आशावादिता के बावजूद राष्ट्रपति ओबामा को देशवासियों के संशय को दूर करना होगा जो लंबी लड़ाई से थक गए हैं. अफगान युद्ध पर अमेरिका का हर साल 113 अरब डॉलर खर्च हो रहा है.

तालिबान के हमले बढ़ रहे हैं और इस साल अफगानिस्तान में मारे गए सैनिकों और असैनिक नागरिकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. यह समीक्षा रिपोर्ट अमेरिका द्वारा पिछले साल 30 हजार अतिरिक्त सैनिकों को अफगानिस्तान भेजे जाने के एक साल बाद आई है. इस साल अब तक लगभग 700 विदेशी सैनिक मारे गए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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