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रामदेव के सत्याग्रह में हजारों लोग

४ जून २०११

भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर बाबा रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी है. अपने अनशन को रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह बताया है. केंद्र सरकार के साथ बातचीत अभी तक बेनतीजा रही.

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तस्वीर: AP

बाबा रामदेव के साथ अनशन में कई हजार समर्थक भी उनका साथ दे रहे हैं और दिन चढ़ने के साथ उनकी संख्या बढ़ने की संभावना है. शुक्रवार को केंद्र सरकार ने रामदेव के साथ पांच सितारा होटल में बातचीत कर भूख हड़ताल टलवाने की पूरी कोशिश की लेकिन चार घंटे की मैराथन वार्ता के बावजूद समझौता हो नहीं पाया. रामदेव से मिलने के लिए यूपीए सरकार में मंत्री कपिल सिब्बल और सुबोध कांत सहाय क्लेरिजेस होटल गए.

बाबा रामदेव ने वादा किया है कि उनके आंदोलन में हिंसा या गाली गलौज का कोई स्थान नहीं है. "हम तक तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जातीं." वैसे शुक्रवार को एक बार ऐसा लगा कि सरकार और बाबा में सहमति होती दिख रही है. रामदेव ने कहा कि एक दो मुद्दे को छोड़कर उनके और सरकार के बीच सहमति उभर रही है.

लेकिन शाम होते होते माहौल बदल गया. वार्ता खत्म होने के बाद वह राजघाट गए जहां महात्मा गांधी को उन्होंने श्रृद्धांजलि दी. उसके बाद उन्होंने रामलीला मैदान का रुख किया जहां भीड़ ने झंडे लहराकर और नारे लगाकर स्वागत किया. रामदेव से बातचीत करने वाले कपिल सिब्बल ने कहा कि वार्ता आगे बढ़ रही है. ये मांगें एक दिन में पूरी नहीं हो सकती. सिब्बल ने संकेत दिया है कि बाबा के साथ बातचीत अभी हो सकती है.

Followers of renowned yoga guru Baba Ramdev rest during a hunger strike, in New Delhi, India, Saturday, June 4, 2011. Ramdev along with his tens of thousands of his followers started an indefinite hunger strike in the Indian capital to protest against corruption and to demand that the government recover billions of dollars of so-called black money from overseas tax havens. (AP Photo/Manish Swarup)
तस्वीर: AP

बाबा रामदेव की मांग है कि काले धन पर लगाम कसी जाए, विदेशी बैंकों में जमा काले धन को देश वापस लाया जाए और उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाए. भ्रष्टाचार का दोष सिद्ध होने वालों को फांसी की सजा दिए जाने की वह मांग कर रहे हैं. रामदेव की मांग है कि 500 और 1000 रुपये के नोट को बाजार से वापस ले लिया जाए. योग के जरिए लाखों लोगों में लोकप्रियता हासिल करने वाले योग गुरू अब काले धन के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किए हैं.

उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी समर्थन मिला है जिससे सरकार और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में बेचैनी है. आरएसएस ने अपने कार्यकर्ताओं को इस भूख हड़ताल में शामिल होने के लिए कहा है.

इससे पहले अन्ना हजारे ने जनलोकपाल बिल के लिए अनशन किया जिसे काफी समर्थन मिला. अब रामदेव ने काले धन का मुद्दा उठाया है जिससे सरकार नर्वस नजर आ रही है. कांग्रेस नेता दिगविजय सिंह ने कहा है कि अगर रामदेव को राजनीति में आना है तो उन्हें योग छोड़ देना चाहिए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम