राजीव गांधी पर लगे आरोप घृणित: कांग्रेस
१८ जून २०१०वाशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि "इस बात के कोई सबूत नहीं हैं और ये पूरी तरह से घृणित और मूर्खतापूर्ण आरोप हैं". सिंघवी ने इन आरोपों को पूरी तरह से राजनीतिक करार दिया है.
इससे पहले भोपाल गैसकांड के वक्त भारत के विदेश सचिव रहे एम के रसगोत्रा ने कहा था कि तब गृहमंत्रालय ने एंडरसन को भारत आने से पहले सुरक्षित वापसी का भरोसा दिलाया था. इस बात की पुष्टि उस वक्त भारत में अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख गॉर्डन स्ट्रीब ने भी की.
अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि भारत का प्रधानमंत्री हर पुलिस कांस्टेबल पर निगाह नहीं रखता. कांग्रेस प्रवक्ता ने रसगोत्रा पर भी सवाल उठाए कि वो ये सब बातें 25 साल बाद क्यों सामने ला रहे हैं. इन मुद्दों को उठाने वाले राजनीतिक दलों पर भी सिंघवी ने निशाना साधा और पूछा कि अगर इस मामले में कोई सबूत है तो उसे पहले क्यों नहीं पेश किया गया.
कांग्रेस प्रवक्ता ने साफ कहा कि इस मामले में मंत्रियों के समूह का गठन कर दिया गया है और अब वही तय करेंगे कि क्या करना है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि "इस तरह के आरोपों के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि इनसे राजनीतिक सनसनी फैलने के अलावा और कुछ नहीं होता."
सिंघवी ने कहा कि सब कुछ खत्म नहीं हुआ है और अभी भी प्रक्रियाएं बाकी हैं. सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा सकती है. इसके अलावा दोषियों के खिलाफ फिर से मुकदमा शुरू किया जा सकता है.
एक सवाल के जवाब में सिंघवी ने ये भी कहा कि भोपाल गैसकांड और संसद में विचाराधीन न्यूक्लियर लाइबिलिटी बिल में कोई संबंध नहीं है. प्रस्तावित न्यूक्लियर लाइबिलिटी बिल खासतौर से केवल परमाणु संयंत्रों की सप्लाई और कामकाज से जुड़ा है. बिल पास होने के बाद भी इसका ऐसे संयंत्रों से कोई लेना देना नहीं रहेगा जहां परमाणु उर्जा का इस्तेमाल नहीं होता.
भोपाल गैस कांड पर केंद्र सरकार के मंत्रियों के समूह की आज बैठक हो रही है. सोमवार को इस बारे में रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दी जाएगी. गैसकांड के आरोपियों को मिली कम सजा और मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन पर कोई कार्रवाई न होने से मचे बवाल के बाद केंद्र ने मंत्रियों के समूह का गठन किया. चर्चा इस बात की भी जोरों से है कि तब के राज्य और केंद्र सरकार ने मामले के मुख्य आरोपी को भोपाल की जेल से निकाल कर अमेरिका पहुंचाया.मंत्रियों का समूह इस बात पर चर्चा करेगा कि भोपाल गैस के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए क्या किया जा सकता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एन रंजन
संपादन: आभा मोंढे