राजनीतिक संकट में उलझा ब्राजील
१८ अप्रैल २०१६सांसदों द्वारा राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के फैसले के बाद विकासमान देशों के संगठन ब्रिक्स का सदस्य देश गहरे राजनीतिक संकट में घिर गया है. बहुत से लोग आरोप लगा रहे हैं कि लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े देश में लोकतंत्र खतरे में है. ब्राजील की संसद के निचले सदन में महाभियोग पर फैसले के लिए विपक्ष को 513 में 342 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी और पांच घंटे की वोटिंग के बाद उन्हें मध्यरात्रि में संसद में दो तिहाई बहुमत मिल गया. रूसेफ विरोधियों ने इसका जश्न मनाया तो रूसेफ के समर्थकों ने विरोधियों के खिलाफ नारे लगाए. रियो दे जनेरो में ओलंपिक खेलों की शुरुआत से चार महीने पहले संसद का मूड देश की हालत बयान कर रहा था.
राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ जाक वाग्नर ने सांसदों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ये साबित किए बिना कि राष्ट्रपति ने कोई गंभीर अपराध किया है महाभियोग के लिए मत दिया है. राष्ट्रपति पर दूसरी बार चुनाव जीतने के लिए अवैध रूप से बजट के आंकड़ों में हेर फेर का आरोप है. वाग्नर ने 1985 तक चली सैनिक तानाशाही की ओर संकेत करते हुए कहा, "इस तरह निचले सदन द्वारा देश में तीस साल के लोकतंत्र को अवरुद्ध करने का खतरा है." डिल्मा रूसेफ के महाधिवक्ता जोसे एडुआर्डो कारदोसो ने सैनिक तानाशाही के दौरान कैद और यातना का सामना करने वाली राष्ट्रपति के खिलाफ संसद के फैसले को लोकतंत्र के खिलाफ सत्तापहरण बताया.
उद्योग का दांव
संसद के फैसले पर राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ की प्रतिक्रिया सोमवार को आएगी, लेकिन वित्तीय हल्कों में सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है. ब्राजील के उद्योग जगत ने रूसेफ को हटाए जाने पर दांव लगा रखा है और उसे उनके हटने के बाद उद्योग समर्थक सरकार के आने की उम्मीद है. संसद के बाद लोगों को बंटवारा देखा जा सकता है. विपक्ष के समर्थक खुशियां मना रहे हैं जबकि रूसेफ के समर्थकों में गहरी निराशा है. 63 वर्षीय मारिस्टेला डे मेलो ने कहा. "मैं खुश हूं, बहुत ही खुश हूं. मैंने एक साल तक इस उम्मीद में प्रदर्शन किया है कि डिल्मा को हटाया जा सकेगा." इसके विपरीत 23 वर्षीया मारियाना सांतोस ने रोते हुए कहा, "संसद का फैसला हमारे देश के लिए कलंक है."
यदि सीनेट राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने का फैसला करती है तो उपराष्ट्रपति मिशेल टेमर उनकी जगह लेंगे जिनकी पार्टी ने रूसेफ का साथ छोड़कर उनका विरोध करने का फैसला किया है. टेमर के सहयोगी एडुआर्डो कून्हा निचले सदन के स्पीकर हैं और महाभियोग पर सफल मतदान में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा है कि रूसेफ के दिन गिने हुए हैं. "सीनेट को फौरी कार्रवाई करनी चाहिए."
इसके विपरीत विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे ब्राजील में विपक्ष का जश्न काफी दिनों तक नहीं चलेगा. टेमर को विरासत में गहरी मंदी का सामना कर रहा देश और काम न करने वाली राजनीतिक व्यवस्था मिलेगी. रूसेफ की लेबर पार्टी ने बदले का प्रण लिया है. स्वतंत्र राजनीतिक विश्लेषक आंद्रे सेजार कहते हैं, "टेमर के लिए आसान नहीं होगा. उनके लिए ये दुःस्वप्न होगा."
राष्ट्रपति पर आरोप
रूसेफ पर 2014 के चुनावों के दौरान सरकार की कमजोरियों को छुपाने के लिए आंकड़ों में हेर फेर करने का आरोप है. इसके अलावा बहुत से लोग उन्हें आर्थिक मुश्किलों और सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्रास में व्यापक भ्रष्टाचार कांड के लिए दोषी मानते हैं. इसकी वजह से उनकी सरकार के लिए समर्थन गिरकर 10 प्रतिशत ही रह गया है.
संसद के निचले सदन के फैसले के बाद अब मामला सीनेट में है जो मई में यह फैसला करेगी कि राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया जाए या नहीं. यदि सीनेट ये फैसला करती है, जिसकी ज्यादातर विश्लेषकों को पूरी संभावना है, तो राष्ट्रपति को 180 दिनों के लिए उनके पद से निलंबित कर दिया जाएगा और इस दौरान महाभियोग का मुकदमा चलेगा. यदि सीनेट दो तिहाई बहुमत से महाभियोग को स्वीकार कर लेती है तो रूसेफ अपना पद खो देंगी और उपराष्ट्रपति टेमर 2018 में होने वाले अगले चुनाव तक देश के राष्ट्रपति रहेंगे.
संघर्ष को तैयार
लेकिन रूसेफ की लेबर पार्टी के नेता जोसे गिमारेस ने कहा है कि वे समर्पण नहीं करेंगी और अंतिम दम तक लड़ेगी. निचले सदन में पार्टी के नेता गिमारेस ने कहा, "राष्ट्रपति डिल्मा की सरकार तात्कालिक हार को स्वीकार करती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि संघर्ष खत्म हो गया है. लड़ाई सड़कों पर और सीनेट में जारी रहेगी."
विपक्ष की लाखों लोगों की रैलियों ने डिल्मा रूसेफ पर दबाव बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है और अब राजनीतिक द्वंद्व के अगले चरण में सड़कों पर गुस्सा और बढ़ सकता है. राजनीति पर विशेष वेबसाइट कांग्रेसो एन फोको चलाने वाले सिल्वियो कोस्टा कहते हैं कि ब्राजील की समस्याएं बस शुरू हो रही हैं, "जो भी हारेगा वह सड़कों पर विरोध करना जारी रखेगा. यह तय है कि संकट आज खत्म नहीं होगा." हालांकि रविवार को सड़क पर लोग शांत रहे हैं. ब्राजिलिया में संसद के बाहर 53,000 महाभियोग समर्थक इकट्ठा थे तो पुलिस के अनुसार 26,000 रूसेफ समर्थक भी वहां पहुंचे थे.
एमजे/ओएसजे (एएफपी)