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राख के बादलों के चलते कई एयरपोर्ट बंद

१७ मई २०१०

आइसलैंड में ज्वालामुखी से निकली राख के चलते ब्रिटेन के दो व्यस्ततम हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है जिसके चलते हज़ारों लोग मुश्किल में फंस गए हैं. नीदरलैंड में एम्सटर्डम और रोटेरडम हवाई अड्डे 8 घंटे के लिए बंद होंगे.

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ज्वालामुखी से निकलती राखतस्वीर: AP

नो फ़्लाई ज़ोन घोषित किए जाने के बाद हीथ्रो, गैटविक और लंदन सिटी एयरपोर्ट ब्रिटेन में स्थानीय समयानुसार सोमवार सुबह 7 बजे तक बंद रहेंगे. स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड के कई हिस्सों में भी विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. हालांकि मैनचेस्टर, लिवरपूल, लीड्स, बर्मिंघम, नॉरिच हवाई अड्डों के बंद रहने के बाद यातायात फिर शुरू हो गया है.

नीदरलैंड में एम्सटर्डम और रोटेरडम में हवाई अड्डे स्थानीय समय के हिसाब से सोमवार सुबह 6 बजे से 6 घंटे के लिए बंद रहेंगे. फ़िलहाल नीदरलैंड के अन्य हवाई अड्डों पर असर नहीं होने की संभावना है. लेकिन एम्सटर्डम के स्कीपोल हवाई अड्डे के बंद होने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर ख़ासा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. उत्तरी आयरलैंड का पूरा वायुक्षेत्र नो फ़्लाई ज़ोन घोषित कर दिया गया है. आयरलैंड का डबलिन हवाई अड्डा रविवार को बंद करने के आदेश दिए गए और अब यह सोमवार सुबह 11 बजे तक बंद रहेगा.

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स्कीपोल का हवाई अड्डा भी बंदतस्वीर: AP

सिविल एविएशन अधिकारियों का कहना है कि ज्वालामुखी से निकलने वाली राख के बादल दक्षिण की ओर बढ़ रहे हैं. ज्वालामुखी से और लावा निकलने की आशंका है जिसके चलते संकट गहरा सकता है. पिछले महीने भी ज्वालामुखी में विस्फोट की वजह से दुनिया भर में हवाई यातायात पर बुरा असर पडा था और कई दिनों तक यूरोप के कई हवाई अड्डों पर कामकाज ठप रहा था. यूरोप में हवाई यातायात के 50 साल के इतिहास में इतनी बड़ी अड़चन पहली बार देखने को मिली.

विशेषज्ञों का मानना है कि ज्वालामुखी की राख से जेट इंजन को नुक़सान पहुंच सकता है और इससे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का ख़तरा रहता है. ज्वालामुखी पर अध्ययन कर रहे और आइसलैंड यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर ब्योर्न ओडसन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में ज्वालामुखी और सक्रिय हुआ है जिसके चलते राख का निकलना बढ़ा है. प्रोफ़ेसर ओडसन के मुताबिक़ आने वाले दिनों में उड़ानें किस तरह से प्रभावित होंगी यह हवा की दिशा पर निर्भर करता है.

स्कैंडिनेवियाई देशों डेनमार्क, फ़िनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन में वायुक्षेत्र फ़िलहाल खुला है और उड़ानों पर सोमवार रात तक कोई प्रभाव नहीं होने की संभावना है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार रात से डेनमार्क के वायुक्षेत्र के प्रभावित होने से इनकार नहीं किया जा सकता. जर्मनी में भी एयर ट्रैफ़िक अधिकारी स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं. उनका कहना है कि बुधवार से पहले जर्मनी में वायुक्षेत्र के प्रभावित होने की आशंका नहीं है. राख के बादलों की सघनता के परीक्षण के लिए लुफ़्तहांसा ने परीक्षण उड़ानें संचालित की हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा