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रहमान का जीवन

६ जून २००९

ऑस्कर अवार्ड विजेता ए आर रहमान ने क़ामयाबी का मुकाम कैसे हासिल किया. कैसे वो तरक्की और लोकप्रियता की सीढ़ियां चढ़ते गए. संघर्ष भरे बचपन से लेकर सफलता की कहानी दर्ज है रहमान की आने वाली बायोग्राफी में.

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ए आर रहमान को मिले थे दो दो ऑस्करतस्वीर: AP

ऑस्कर जीतने वाले पहले भारतीय फिल्म संगीतकार ए आर रहमान की जीवनी जल्द ही उनके प्रशंसको को पढ़ने को मिलेगी. दावा किया जा रहा है कि रहमान की ये पहली अधिकृत बायोग्राफी होगी.

इस किताब का नाम है ए आर रहमान द म्युज़िकल स्टोर्म यानी रहमान को संगीत का तूफ़ान बताया गया है. इसे लिखा है चेन्नई की कामिनी मथाई ने. पेंगुइन इंडिया इसे प्रकाशित कर रहा है.

किताब में रहमान के पिता आर के शेखर की मौत से लेकर रहमान के बचपन, उनके शौक, साधना, संघर्ष और कामयाबी की कहानी बयान की गयी है.

नौ साल की उम्र में रहमान के सिर से पिता का साया उठ गया था. किस तरह रहमान ने परिवार की ज़िम्मेदारी संभाली, गुरबत के दिन बिताए और इस्लाम धर्म उन्होंने कब और क्यों अपनाया, इन सब बातों की चर्चा इस किताब में की गयी है.

रहमान अब सूफीवाद से प्रभावित हैं. इसकी वजहें भी किताब में बतायी गयी हैं. मणिरत्नम ने कैसे उनमें प्रतिभा की ततलाश की और किस तरह वो कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए, उनकी बायोग्राफी में हर ब्यौरा दर्ज करने की कोशिश की गयी है.

मुंबई में किताब के प्रकाशक पेंगुइन इंडिया ने एक प्रेस बयान जारी कर इस बाबत जानकारी दी है.

इसी साल ए आर रहमान को भारतीय कलाकारों के साथ बनी ब्रिटिश फ़िल्म स्लमडॉग मिलेनियर में संगीत के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑस्कर का अवार्ड मिला था.


रिपोर्ट- पीटीआई, एस जोशी

संपादन- एस गौड़