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रईसों के भरोसे विकास की तलाश

२८ फ़रवरी २०१३

भारत ने अमीरों के टैक्स बढ़ा कर और विदेशी निवेशकों को लुभा कर अपनी कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश की है. पी चिदंबरम ने सालाना बजट में दावा किया कि भारत एक बार फिर तेज विकास करने वाला देश बन सकता है.

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तस्वीर: Prakash Singh/AFP/Getty Images

चिदंबरम का कहना है कि वह बजटीय घाटे को कम करने की कोशिश करेंगे, ताकि धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को फिर से तेजी की पटरी पर लाया जा सके. पिछले दशक में भारत की विकास दर एक बार लगभग 10 फीसदी को छू गई थी, लेकिन इसके बाद यह लगातार घटती जा रही है और चालू वित्तीय वर्ष में इसके पांच फीसदी रहने पर भी संदेह है. हालांकि बजटीय घाटा कम करने का सीधा अर्थ सरकारी खर्चे में कटौती होगी.

वित्त मंत्री ने सरकारी खजाने में पैसे जमा करने के लिए एक नया फॉर्मूला अपनाया है, जिसमें सुपर रिच यानी रईसों से साल भर तक ज्यादा टैक्स वसूलने की बात कही गई है. जिन लोगों की सालाना आमदनी एक करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन पर यह फॉर्मूला लागू होगा. लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में ऐसे सिर्फ 42,800 लोग हैं.

उन्होंने लक्जरी कारों और यॉट यानी लक्जरी नाव का आयात शुल्क भी बढ़ाने का फैसला किया है. हेलिकॉप्टर खरीद घोटाले में फंसी सरकार ने रक्षा बजट में भी इजाफे का फैसला किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा के बाबत रक्षा मद में 2030 अरब रुपये रखे गए हैं. इसके अलावा 867 रुपये नए सामरिक हथियारों की खरीद के लिए अलग से रखे गए हैं. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश है.

Indische Rupien
तस्वीर: AP

"विदेशी निवेशक चाहिए"

चिदंबरम ने भारतीय संसद को बताया कि देश तेल, कोयला और सोने के आयात की वजह से भारी नुकसान में चल रहा है और यह मुश्किल और भी बढ़ गई है क्योंकि निर्यात घटा है. उन्होंने कहा कि भारत को विदेशी निवेशकों से 75 अरब डॉलर की दरकार होगी, ताकि अर्थव्यवस्था को बेहतर किया जा सके. उन्होंने कहा, "भारत ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां उसके पास विदेशी निवेशकों के स्वागत करने ना करने का विकल्प नहीं है. हमें विदेशी निवेशक चाहिए."

भारतीय अर्थव्यवस्था में अनुमान लगाया गया है कि इस साल मार्च में खत्म हो रहे वित्तीय साल में विकास की दर पांच फीसदी होगी, पिछले साल यह अनुमान 7.6 फीसदी था. भारतीय बजट से पहले भारत ने बुधवार को बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर 6.1 से 6.7 फीसदी के बीच होगा. यानी इस वित्तीय वर्ष से ज्यादा.

भारत में रिटेल सेक्टर को विदेशी निवेशकों के लिए खोलने का फैसला किया गया है, जिसका विपक्ष और मजदूर यूनियनें विरोध कर रही हैं. हालांकि अच्छे अर्थशास्त्री माने जाने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि यह जरूरी है. उन्होंने पिछले दो साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में पैसे झोंकने के उपाय सुझाए हैं, लेकिन गठबंधन राजनीति की वजह से ज्यादातर मामले अटके पड़े हैं.

भारतीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपना आठवां बजट पेश किया और उनसे ज्यादा 10 बार सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भारतीय बजट पेश कर चुके हैं. चिदंबरम ने भारतीय अर्थव्यवस्था के खस्ताहाल होने की रिपोर्टों के बारे में कहा कि इसे ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है, "सिर्फ चीन और इंडोनेशिया भारत के मुकाबले तेजी से विकास कर रहे हैं और भारत के लिए यह करना बहुत मुश्किल नहीं है. हमने पहले भी ऐसा किया है, हम फिर ऐसा कर सकते हैं."

एजेए/आईबी (एपी)

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