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कानून और न्याय

योगी के यूपी में नहीं होगी उन्नाव कांड की सुनवाई

१ अगस्त २०१९

भारी फजीहत के बाद बीजेपी ने उन्नाव बलात्कार कांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी ने निष्कासित किया. पीड़ित की हत्या करने की कोशिश के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री का दामाद पर भी आरोप लगा.

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Indien Kuldeep Singh Sengar, Angeklagter in Vergewaltigungsfall
तस्वीर: Imago/Hindustan Times

उन्नाव बलात्कार की पीड़ित युवती की चिट्ठी को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई की बेंच ने गुरुवार को मामले की सुनवाई शुरू की. बेंच ने बलात्कार कांड और उससे जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दिया. पीड़ित परिवार को आरोप है कि उत्तर प्रदेश में उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है.

सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई से पूरे मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी है. गुरुवार को कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस मामले से जुड़े सीबीआई के संबंधित अधिकारी को 12 बजे केस डिटेल के साथ पेश होना चाहिए. मेहता ने अदालत को बताया कि संबंधित अधिकारी जांच के खातिर शहर से बाहर हैं. सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी कि अधिकारी शुक्रवार को पेश हो सकता है. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि, "हम इसे आज ही होते हुए देखना चाहते हैं."

इसके साथ ही कोर्ट ने सात दिन के भीतर उस रोड एक्सीडेंट की भी रिपोर्ट मांगी है, जिसमें पीड़ित युवती और उनके वकील बुरी तरह घायल हुए. उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में 25 जुलाई को पीड़ित युवती की कार को एक ट्रक ने टक्कर मारी. हादसे में युवती की चाची और मौसी की मौत हो गई. सीजेआई ने सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा से यह भी पूछा कि क्या पीड़ित युवती और उसके वकील को एयर एंबुलेस से दिल्ली लाया जा सकता है? सड़क हादसे के बाद दोनों लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में हैं, दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है.

Indien Dorf Bezirk von Uttar Pradesh
उन्नाव मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका सवालों मेंतस्वीर: DW/S. Mishra

युवती और उसकी मां हादसे से पहले ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र लिख चुके थे. पत्र में आरोपियों द्वारा धमकाए जाने और जान के खतरे का जिक्र किया गया था.

इस बीच बीजेपी ने चार बार विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निष्काषित कर दिया है. चौतरफा दबाव के बीच पार्टी को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा. बुधवार को संसद में इस मुद्दे पर विपक्ष ने प्रदर्शन भी किया. सोशल मीडिया पर भी लोगों में भारी आक्रोश देखा गया.

युवती के मुताबिक 2017 में जब वह सेंगर के घर नौकरी के सिलसिले में गई तब विधायक और उसके साथियों ने उससे बलात्कार किया. लेकिन विधायक के दबाव में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाद प्रदर्शन करने और आत्मदाह करने की कोशिश के बाद पीड़िता की शिकायत दर्ज की गई. लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.

अप्रैल 2018 में मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया गया. 25 जुलाई 2019 के सड़क हादसे के बाद अब इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के दामाद अरुण सिंह का भी नाम आ रहा है. सेंगर और अरुण सिंह समेत नौ आरोपियों पर पीड़िता और उसके परिवार को जान से मारने की कोशिश का आरोप लगा है.

ओएसजे/एनआर  (एएफपी, रॉयटर्स)

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