ये महिलायें तय करेंगी जर्मनी का भविष्य
जर्मन आम चुनाव राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी की एक शानदार मिसाल पेश कर रहे हैं. देश के चार अहम राजनीतिक दलों का नेतृत्व महिलायें कर रहीं है. एक नजर इन चेहरों पर
मुटी मैर्केल
सीडीयू की नेता अंगेला मैर्केल 2005 में जर्मनी की चांसलर बनी थीं. 12 साल बाद आज उनकी अपनी पार्टी वाले उन्हें मुटी कहते हैं. मुटी का अर्थ है मां. अपने कार्यकाल में मैर्केल ने वैश्विक मंदी से लेकर आप्रवासी संकट जैसे मुद्दे का डटकर मुकाबला किया है. लेकिन इन चुनावों में भाग लेने वाली केवल वही एक महिला नेता नहीं हैं.
ग्रीन कातरीन
कातरीन गोएरिंग-एकार्ट के नेतृत्व ने जर्मनी की ग्रीन पार्टी को पश्चिमी दुनिया में सफल बना दिया है. वे एक आक्रामक पर्यावरणवादी और बेहद ही धार्मिक महिला हैं. वह परंपरागत दक्षिणपंथ-वामपंथ विभाजन का विरोध करती है. पार्टी गोएरिंग-एकार्ट और चेम ओएज्देमीर के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है.
वाम दल की नेता
वामपंथी पार्टी डी लिंके सारा वागेनक्नेष्ट और डीटमार बार्च के दोहरे नेतृत्व में संसद का चुनाव लड़ रही है. पूर्वी जर्मनी में पली-बढ़ी सारा पूंजीवाद के खिलाफ आवाज उठाती है. पार्टी का पूर्वी जर्मनी में खासा जनाधार है. मौजूदा बुंडेसटाग में डी लिंके सबसे बड़ा विपक्षी खेमा है.
एएफडी की एलिस
एएफडी दोहरे नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है. उनमें एक एलिस वाइडल हैं जो सभी के लिये रहस्य हैं. एएफडी का बेहद ही पढ़ा-लिखा चेहरा मानी जाने वाली एलिस एक लेस्बियन है जो समलैंगिक विवाह का विरोध करती हैं. वह धुर दक्षिणपंथी दल एएफडी में उस वक्त शामिल हुई थीं जब वह साझा मुद्रा यूरो का विरोध करता थी.