ये कप हमारा है
ब्राजील, फ्रांस, अल्जीरिया और पुर्तगाल. नामी गिरामी टीमों को धराशायी करने वाली जर्मन टीम ने आखिरकार 2014 का वर्ल्ड कप जीत ही लिया. जीत के बाद हाथ आया सोने का कप...
हम साथ साथ..
जर्मन टीम एक बेजोड़ टीम रही, जिसने पूरा टूर्नामेंट में एक टीम की तरह खेला. कप भी उन्होंने कुछ इसी तरह थामा.
कप्तान के नाम
ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ ने जर्मनी के कप्तान फिलिप लाम को फुटबॉल वर्ल्ड कप सौंपा. लाम ने कहा, "हमने इस कप के लिए बहुत मेहनत की है."
स्कोरर का प्यार
सिर्फ 22 साल के मारियो गोएत्से फाइनल मैच में सुपर मारियो बन कर उभरे. उन्होंने मैच के बाद कहा, "मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया."
मजबूत मुलर
जर्मनी के थोमास मुलर ने पुर्तगाल के खिलाफ पहले ही मैच में तीन गोल दाग दिए थे. उनका गोएत्से के बारे में कहना है, "वह आया और उसने गोल कर दिया. यही तो हमारी टीम है."
ओएजिल की खुशी
तुर्क मूल के मेसुत ओएजिल ने फाइनल के बाद अपनी जर्सी उतार दी. उन्होंने जर्मनी की जीत में बड़ी भूमिका निभाई और अपने स्ट्राइकरों के लिए कई मैचों में अच्छे मूव बनाए.
कप्तान का कप
तारीफ के हकदार कप्तान फिलिप लाम भी हैं, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में टीम को बांध कर रखा. उनका कहना है, "जिस तरह हमने खेला, वह शानदार रहा. क्या बढ़िया उपबल्धि रही."
कोच का कमाल
और इन सबके पीछे कोच की बुद्धि और रणनीति रही. कोच योआखिम लोएव का कहना है, "हम 55 दिन एक साथ रहे. हमने यह प्रोजेक्ट कई साल पहले शुरू किया था और आज यह पूरा हुआ."
खिताब पर नाम
जर्मनी का नाम चार साल के लिए वर्ल्ड कप खिताब पर छप गया. वे चौथी बार वर्ल्ड कप विजेता बने हैं और अब उनके सामने जश्न मनाने की कई वजह है.