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यूरोपीय संघ पर इस वक्त सबसे ज्यादा दबाव

२२ फ़रवरी २०१८

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने यूरोपीय संघ पर मौजूद दबाव के बारे में चेतावनी देते हुए इस ओर ध्यान दिलाया है कि उनकी अगली गठबंधन सरकार में भी इस क्षेत्रीय संगठन का भविष्य एक प्रमुख भूमिका निभाएगा.

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Deutschland Regierungserklärung Merkel
तस्वीर: Reuters/A. Schmidt

शुक्रवार को इस बारे में यूरोपीय संघ के नेताओं की ब्रसेल्स में बैठक होने वाली है. उससे पहले गुरुवार को जर्मन सांसदों को संबोधित करते हुए मैर्कल ने कहा कि यूरोप, "दुनिया भर में राजनीतिक और आर्थिक दोनों तरह से दबाव में है. यूरोपीय कंपनियां अब दुनिया में सब जगह नेतृत्व नहीं कर रही हैं."

मैर्केल के बयान पर प्रतिक्रिया में जर्मनी के चैम्बर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स यानी डीआईएचके ने कहा कि यूरोपीय संघ को प्रतिस्पर्धा को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए." डीआईएचके के अध्यक्ष एरिक श्वाइत्सर ने कहा, "अगर यूरोप अमेरिका और चीन के साथ मुकाबला करना चाहता है तो यूरोपीय संघ को प्रतियोगिता बेहतर करने की रणनीति बनानी होगी और उस पर जल्दी से अमल करना होगा."

Deutschland Regierungserklärung Merkel
तस्वीर: Reuters/A. Schmidt

मैर्केल ने अपने भाषण में शरणार्थियों के मुद्दे की भी चर्चा की और मांग की कि संरचनात्मक रूप से कमजोर देशों को शरणार्थियों के साथ सहायता राशि भी मिलनी चाहिए. मैर्केल ने कहा कि यूरोपीय शरण तंत्र को एकता और खासतौर से यूरोपीय संघ में शरणार्थियों के उचित बंटवारे पर आधारित और निश्चित रूप से "संकट रहित" होना चाहिए.

अंगेला मैर्केल सहित 27 यूरोपीय देशों के नेता ब्रसेल्स की बैठक में 2020 में ब्रिटेन के संघ से बाहर जाने के बाद वित्तीय व्यवस्था पर चर्चा करेंगे. जर्मनी के लिए यूरोप के महत्व की ओर ध्यान दिलाते हुए मैर्केल ने एक बार फिर दोहराया कि जर्मनी तभी बेहतर कर सकता है जब यूरोप बेहतर करे.

उन्होंने ऐसे वक्त में यूरोप को लेकर अपनी बात रखी है जब जर्मनी की मध्य वामपंथी पार्टी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी एसपीडी के 460,000 सदस्य मैर्केल की रुढ़िवादी पार्टी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के फैसले पर वोट दे रहे हैं. जर्मन चांसलर ने यह भी कहा, "यूरोप कभी किसी गठबंधन सरकार के लिए इतना जरूरी नहीं रहा."

एसपीडी के साथ गठबंधन में जिन मुद्दों पर सहमति बनी हे उसमें यूरोपीय आर्थिक नीति को मजबूत करने के साथ ही इलाके के लिए एक साझा विदेश और सुरक्षा नीति तय करना भी शामिल है. इसके साथ ही प्रवासन से निपटने के साथ ही उन कारणों से भी निबटना है जिसकी वजह से लोग देश से बाहर जाते हैं.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)