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समाज

यूरोप में घड़ियां बदलने का सिलसिला बंद होगा

३१ अगस्त २०१८

यूरोप के देशों में साल में दो बार घड़ियों को आगे पीछे किया जाता है. गर्मियों में घड़ियों को एक घंटा पीछे कर दिया जाता है ताकि सूरज की रोशनी का भरपूर फायदा उठाया जा सके. लेकिन आम लोग इस अदला बदली से परेशान रहते हैं.

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Zeitumstellung Sommerzeit
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Kahnert

यूरोपीय संघ के नागरिकों के बीच हुए सर्वे में ज्यादातर लोगों ने कहा कि घड़ियों को आगे पीछे खिसकाने का सिलसिला बंद होना चाहिए. इसके बाद यूरोपीय आयोग प्रमुख ज्यां क्लोद युंकर ने भी कह दिया है कि इस अदला बदली से छुटकारा पाने की योजना बनाई जा रही है.

जर्मन सरकारी टीवी चैनल जेडडीएफ के साथ बातचीत में युंकर ने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि घड़ियों को बदलना बंद हो जाए. उन्होंने कहा, "हम इस पर आज फैसला ले लेंगे."

इसी अदला बदली का नतीजा है कि गर्मियों में भारत और जर्मनी के समय में साढ़े तीन घंटे का अंतर होता है जबकि सर्दियों में यह अंतर साढ़े चार घंटे का हो जाता है.

4 जुलाई से 16 अगस्त के बीच होने वाले सर्वे में 80 प्रतिशत लोगों ने घड़ियों को बदलने जाने के खिलाफ अपनी राय दी. इस ऑनलाइन सर्वे में लगभग 46 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इस तरह यह यूरोपीय संघ के इतिहास का सबसे बड़ा सर्वे है.

अगर यूरोपीय संघ घड़ियां बदलने को बंद करने के बारे में कोई फैसला लेता है तो फिर उस पर यूरोपीय संघ की संसद और सभी 28 देशों की मंजूरी हासिल करनी होगी.

एके/एनआर (रॉयटर्स)