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यूक्रेन से बाहर चले जाएं अमेरिकी लोग: जो बाइडेन

११ फ़रवरी २०२२

यूक्रेन पर रूस "कभी भी" हमला कर सकता है, यह आशंका बढ़ गई है. युद्ध रोकने के लिए चार देशों के बीच चल रही बातचीत भी बेनतीजा खत्म हो गई है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन से अमेरिकी लोगों को निकलने के लिए कहा है.तस्वीर: Alex Brandon/AP/picture alliance

अमेरिकी विदेश मंत्री कह रहे हैं कि शायद रूस बीजिंग ओलंपिक के खत्म होने का इंतजार भी नहीं करे. यूक्रेन की सीमा पर रूस के सैनिकों का भारी जमावड़ा बढ़ता जा रहा है और युद्ध को टालने के लिए की जा रही बातचीत में कुछ खास प्रगति नजर नहीं आ रही है.

इन सब के बीच राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है. जो बाइडेन ने एनबीसी न्यूज से बातचीत में कहा, "अमेरिकी नागरिकों को वहां से निकलना चाहिए, तुरंत निकलना चाहिए. हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक के साथ उलझ रहे हैं. यह बिल्कुल अलग तरह की स्थिति है जो बहुत जल्द नियंत्रण से बाहर जा सकती है."

बीजिंग ओलिंपिक के दौर में हमला?

उधर दुनिया के दूसरी छोर पर मेलबर्न में उनके विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकनएशिया प्रशांत के सहयोगी देशोंके प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं. पूरे घटनाक्रम से ऐसे संकेत मिल रहे हैं जैसे रूसी राष्ट्रपति यूरोप में जंग छेड़ने से कुछ दिन की बजाय कुछ घंटे दूर हैं. एंटनी ब्लिंकेन का कहना है, "हम एक ऐसे दौर में हैं जहां हमला किसी भी वक्त शुरू हो सकता है और स्पष्ट कर दूं कि यह बीजिंग ओलिंपिक के दौरान भी हो सकता है."

ब्लिंकन ने इस बात को सिरे से नकार दिया कि रूसी नेता बीजिंग ओलिंपिक के 20 फरवरी को खत्म होने का इंतजार करेंगे ताकि अपने सहयोगी चीन को नाराज ना करें. ब्लिंकेन ने कहा, "बड़ी सरलता से कह रहा हूं कि हम रूसी प्रसार के बहुत चिंता में डालने वाले संकेत देख रहे हैं."

हालात पर नजर रखे लोगों का कहना है कि रूस ने जिस तरह से यूक्रेन की सीमा पर सेनाएं जुटाई हैं वो दूसरे विश्वयुद्ध के खात्मे पर बर्लिन में दाखिल हुई सोवियत सेना के बाद सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है. अमेरिका की तरफ से किए गए कुछ आकलनों में कहा जा रहा है कि दर्जनों युद्धक ब्रिगेड समेत करीब 1,30,000 सैनिकों का सीमा पर जमावड़ा लगा है.

यूक्रेन की सीमा
यूक्रेन की सीमा पर गश्त करते सैनिकतस्वीर: Evgeniy Maloletka/AP Photo/picture alliance

गुरुवार को रूस के टैंकों ने बेलारुस में लाइव फायर अभ्यास किया. अमेरिका का कहना है कि इसमें 30,000 सैनिक शामिल हुए जो रूस के सुदूर पूर्वी हिस्सों से आए थे. रूस ने काले सागर और पड़ोस के अजोव सागर में अपने छह जंगी जहाजों को भी युद्धाभ्यास के लिए भेजा है.

इधर यूक्रेन का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में जंगी जहाजों की तैनाती "अभूतपूर्व" है और इसने यूक्रेन को दोनों सागरों से अलग कर दिया है. यूक्रेन ने अपना युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इससे तनाव या डर घटने के आसार बहुत कम ही हैं.

कूटनीति कहां तक पहुंची?

युद्ध के नगाड़े का शोर जितनी तेजी से बढ़ रहा है, यूरोपीय नेताओं की इसे रोकने के कूटनीतिक प्रयासों के लिए बेचैनी भी बढ़ रही है. रूस ने नाटो से लिखित गारंटी मांगी है कि वह पूर्वी यूरोप से अपनी मौजूदगी खत्म कर लेगा और यूक्रेन को कभी अपने संगठन में शामिल नहीं करेगा.

अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी पहले ही रूस की मांग को खारिज कर चुके हैं.  जर्मनी, रूस, यूक्रेन और फ्रांस के प्रतिनिधियों के बीच "मुश्किल बातचीत" गुरुवार को टूट गई और कोई नतीजा नहीं निकल सका.

यूक्रेन की सीमा
यूक्रेन की सीमा पर गश्त करते सैनिकतस्वीर: Evgeniy Maloletka/AP Photo/picture alliance

यूक्रेन ने शुक्रवार को कहा कि वह रूस समर्थित अलगाववादी नेताओं से बातचीत के लिए बनाए जा रहे रूसी दबाव के आगे नहीं झुकेगा. रूस चाहता है कि यूक्रेन अलगाववादी नेताओं से बातचीत कर 8 साल से चली आ रही जंग को खत्म करने की कोशिश करें. बातचीत में शामिल रूसी प्रतिनिधि का कहना है कि यहां प्रगति "शून्य" रही है. रूसी प्रतिनिधि ने यह भी आरोप लगाया कि यूक्रेन अटपटे प्रस्ताव ले कर आया. अब इस चौकड़ी की अगली बातचीत मार्च में होगी.

"हर संभव कोशिश की"

ब्लिंकेन ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका, "विवाद को कूटनीति से सुलझाने के लिए मजबूती से प्राथमिकता देगा." ब्लिंकेन का कहना है, "हमने रूस को अपने साथ बातचीत में लाने के लिए हर संभव कोशिश की है. लेकिन इसके साथ ही हम प्रतिरोध तैयार करने और सुरक्षा खड़ी करने के प्रति भी स्पष्ट नीति रखते हैं और यह साफ कर देना चाहते हैं कि अगर रूस दोबारा आक्रामक रास्ते पर चलता है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी."

मास्को के दौरे पर गए ब्रिटेन के विदेश मंत्री लिज ट्रुस ने खबर दी है कि उन्हें रूसी विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन में रूस के हमले की कोई योजना नहीं होने का वचन दिया है. लिज ट्रुस ने लावरोवर से बातचीत के बाद पत्रकारों से कहा, "हमें यह देखना होगा कि उनके शब्दों पर अमल हो."

व्लादीमिर पुतिन, वोलोदिमीर जेलेंस्की और जो बाइडेन
कूटनीतिक कोशिशों में अब तक कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है.तस्वीर: AFP

हालांकि लावरोव ने कहा कि वह बातचीत से "निराश" हुए हैं. उनका कहना है, "युद्धाभ्यासों और पूरे रूस में अपनी जमीन पर सेना की गतिविधियों ने हमारे ब्रिटिश समकक्ष और दूसरे पश्चिमी प्रतिनिधियों के मन में ऐसी भावनाएं और चिंता पैदा की हैं जो समझ से बाहर है."

इस हफ्ते की शुरुआत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने भी कीव और मास्को की यात्रा की थी. इसके बाद वे बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स से मिले. शॉल्त्स खुद भी अगले कुछ दिनों में कीव और मॉस्को जाने वाले हैं जिनमें उनकी नेताओं से अलग अलग मुलाकात होगी. इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से उनकी आमने सामने की पहली मुलाकात भी शामिल है. शॉल्त्स का कहना है, "रूस को यूरोपीय संघ के सदस्य के रूप में प्रतिबद्धता औरनाटो के सहयोगी के रूप में हमारी एकता को कम करके नहीं आंकना चाहिए."

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों जल्द ही यूक्रेन के संकट को लेकर टेलिफोन पर चर्चा करेंगे. इस बातचीत में ब्रिटेन और इटली के प्रधामंत्रियों के साथ ही यूरोपीय संघ और नाटो के प्रमुख भी शामिल हो सकते हैं.

एनआर/आईबी (एएफपी)