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बेलारूस के ऐक्टिविस्ट की यूक्रेन में दर्दनाक मौत

३ अगस्त २०२१

बेलारूस का एक एक्टिविस्ट यूक्रेन की राजधानी कीव के एक पार्क में फांसी पर लटका हुआ पाया गया है. विटाली शिशोव बेलारूस में हो रहे उत्पीड़न से भाग कर यूक्रेन आए लोगों की मदद करते थे.

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Belarus | Aktivist | Vitaly Shishov
तस्वीर: instagram.com/vvshishov

शिशोव कीव में ही स्थित 'बेलारुसियन हाउस इन यूक्रेन' के नेता थे. पुलिस के बयान के अनुसार जिस पार्क में उनका शव लटका हुआ मिला वो उनके घर से ज्यादा दूर नहीं था. हत्या से संबंधित जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हत्या को आत्महत्या जैसा दिखाने की कोशिश की गई है?

'बेलारुसियन हाउस इन यूक्रेन' उत्पीड़न से भाग रहे बेलारूस के लोगों को यूक्रेन में कानूनी दर्जा, आवास और रोजगार दिलाने में मदद करता है. संस्था ने सोमवार को ही जानकारी दी थी कि शिशोव सुबह की दौड़ के लिए गए थे लेकिन उसके बाद लापता हो गए थे. बेलारूस के मानवाधिकार केंद्र विआसना ने उनके दोस्तों के हवाले से बताया कि हाल ही में उनकी दौड़ के दौरान अजनबी लोग उनका पीछा करने लगे थे.

बेलारूस में उत्पीड़न

बेलारूस में हाल के हफ्तों में सरकार ने गैर सरकारी संगठन और स्वतंत्र मीडिया पर दबाव बढ़ा दिया है. अकेले जुलाई में ही ऐक्टिविस्टों और पत्रकारों के दफ्तरों और घरों पर 200 से ज्यादा छापे मारे गए हैं. दर्जनों लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. राष्ट्रपति एलेग्जेंडर लुकाशेंको ने प्रण लिया है की सिविल सोसाइटी ऐक्टिविस्टों के खिलाफ वो अपना "सफाई अभियान" जारी रखेंगे. वो इन एक्टिविस्टों को "लुटेरे और विदेशी एजेंट" बताते हैं.

Minsk, Belarus | Alexander Lukashenko
तस्वीर: Nikolay Petrov/AP Photo/picture alliance

अगस्त 2020 में हुए चुनावों में लुकाशेंको जीत हासिल कर छठी बार राष्ट्रपति बने, लेकिन विपक्ष और दूसरे कई देशों ने भी इन चुनावों को धोखाधड़ी भरा बताया था. चुनाव के बाद उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. 35,000 से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस ने हजारों को मारा-पीटा भी.

हमले की आशंका

बेलारुसियन हाउस इन यूक्रेन' ने एक बयान में बताया कि शिशोव को 2020 की शरद ऋतु के दौरान जब बेलारूस में सरकार-विरोधी प्रदर्शन और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकार की सख्त कार्रवाई अपने चरम पर थी तब उन्हें मजबूरन यूक्रेन चले आना पड़ा.

संस्था ने बताया कि यूक्रेन में भी उन पर निगरानी रखी जाती थी और "स्थानीय सूत्रों के अलावा बेलारूस में भी मौजूद हमारे लोगों ने" समूह को आगाह कराया है कि उसके खिलाफ "अपहरण या हत्या जैसे कई कदम" उठाए जा सकते हैं. संस्था ने कहा,"इसमें कोई शक नहीं है कि यह बेलारूस की सरकार के लिए खतरा बन चुके एक नागरिक को खत्म करने की सुरक्षाकर्मियों की योजनाबद्ध कार्यवाही थी. हम विताली की मौत के सच के लिए लड़ते रहेंगे."

सीके/एए (एपी)

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