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युद्ध ने बेघर किए 4 करोड़ से ज्यादा लोग

ऋतिका पाण्डेय (एएफपी, रॉयटर्स)११ मई २०१६

दुनिया के चार करोड़ से भी ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्हें पिछले साल अपने ही देश के भीतर घर बार छोड़कर कहीं और जाने को मजबूर होना पड़ा.

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Jemen bei Taez Transport Hilfsgüter
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Alseddik

नॉर्वेजियन रेफ्यूजी काउंसिल (एनआरसी) और जेनेवा स्थित संस्थान आईडीएमसी की साझा रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल अपने ही देश के भीतर बेघर हुए लोगों की संख्या देश छोड़ कर कहीं और चले जाने वाले शरणार्थियों के दोगुना रही.

रिपोर्ट में लिखा है कि अपने देश में जारी हिंसा के कारण करीब 86 लाख लोग विस्थापन को मजबूर हुए. इनमें से 48 लाख तो केवल मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लोग हैं.

ऐसी विस्थापित लोगों की संख्या 2010 के अरब वंसत के बाद से तेजी से बढ़ी है. और आईएस के जन्म के साथ इस नए चरम तक पहुंची है. 2015 में कुल विस्थापनों का आधा केवल यमन, सीरिया और इराक जैसे देशों में ही हुआ है.

मध्यपूर्व के अलावा जिन देशों में सबसे अधिक लोग देश छोड़ कर भागने को मजबूर हुए हैं, उनमें अफगानिस्तान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कोलंबिया डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, नाइजीरिया, साउथ सूडान और यू्क्रेन के लोग हैं.

रिपोर्ट में प्राकृतिक आपदाओं के कारण विस्थापित हुए लोगों का भी अलग से उल्लेख है. 2015 में ऐसे लोगों की तादाद करीब दो करोड़ दर्ज हुई. भारत, चीन और नेपाल जैसे देशों में ऐसी आपदाओं से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा.

आईडीएमसी का कहना है विस्थापन को रोकने के लिए ठोस राजनैतिक कदमों की जरूरत है. लोगों को उनका घर छोड़ने के लिए विवश होने और लंबे समय तक उससे दूर रहने की मजबूरी से बचाना होगा. रिपोर्ट में लिखा है, "लोग वापस नहीं लौट रहे हैं, और ना ही कहीं और स्थानीय तौर पर एकीकृत हो रहे हैं, जहां उन्होंने शरण ली है."