1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मोबाइल का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार उत्तर कोरिया

२१ अप्रैल २०११

कोई पूछे कि 3जी मोबाइल नेटवर्क का विस्तार किस देश में सबसे तेजी से हो रहा है तो उत्तर कोरिया का नाम कम ही लोगों के जेहन में सबसे पहले आएगा पर सच के करीब यही लोग हैं.

https://p.dw.com/p/111wk
तस्वीर: AP/DW-Montage

उत्तर कोरिया की छवि सोवियत युग में फंसे किसी अंधेरे देश जैसी ही है. ऐसे में बहुतों के लिए ये हैरान करने वाली बात है कि देश का 3जी मोबाइल नेटवर्क दुनिया में फिलहाल सबसे तेजी से विस्तार कर रहा है. इसके प्रमोशन के लिए यू ट्यूब पर एक विडियो भी मौजूद है. इस विडियो में एक एनिमेटेड इंट्रो के बाद तस्वीरों के साथ आवाज आती है कि उत्तर कोरियाई सरकार और मिस्र की टेलीकम्युनिकेशन कंपनी ओरास्कॉम के संयुक्त उपक्रम में शुरू की गई कंपनी कोर्योलिंक फोन और एसएमएस की सेवा दे रही है. इसके बाद फोन पर बात करते लोगों की जो तस्वीरें हैं उन्हें देख कर यही लगता है कि यहां के बाजारों तक स्मार्टफोन अभी नहीं पहुंचे हैं.

प्योंग्यांग में कोर्योलिंक के सीईओ एज हाइकल को फोन करने की हमारी कोशिश कामयाब नहीं हुई लेकिन ई मेल से भेजे जवाब में उन्होंने बताया कि देश भर में फिलहाल उनके 5 लाख ग्राहक हैं. दो साल पहले इनकी संख्या महज 1,600 थी. मोबाइल सेवा के लिए भुगतान स्थानीय और विदेशी मुद्रा दोनों में किया जाता है. हाइकल ने बताया कि उत्तर कोरिया के लोगों को फिलहाल केवल अपने देश में ही फोन करने की आजादी लेकिन शुरुआत के लिए ये भी बुरा नहीं है. सालों से इस देश में मोबाइल फोन को पाबंदी के दायरे में रखा गया.

Nordkorea Kim Jong Il Nachfolge Dossierbild 3
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सालों से पाबंदी

2004 से ही उत्तर कोरिया में मोबाइल फोन पर पाबंदी लगा दी गई. कुछ जानकारों के मुताबिक मोबाइल फोन के जरिए एक ट्रेन स्टेशन को उड़ाने की साजिश थी जिसके बाद ये पाबंदी लगी. कुछ लोगों ने तो इसे देश के नेता किम जोंग इल की हत्या की नाकाम साजिश भी कहा. हालांकि अब जानकार कह रहे हैं कि प्योंग्यांग की ओरास्कॉम से नई साझीदारी ने अधिकारियों को ये भरोसा दिया है कि ये तकनीक उनके खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगी.

आईटी मीडिया कंपनी आईडीजी के टोक्यो दफ्तर के प्रमुख और उत्तर कोरिया टेक ब्लॉग चलाने वाले मार्टिन विलियम्स कहते हैं, "मिस्र की सरकार के साथ काम करके ये लोग एक ऐसे देश के साथ काम कर हैं जो उत्तर कोरिया का दोस्त रहा है. मुझे लगता है कि उन्हें ये भरोसा दिया जा सकता है कि नेटवर्क इस तरह से इस्तेमाल में लाया जाएगा जिस पर वो नियंत्रण रख सकते हैं."

और भी हैं नेटवर्क

ये सच है कि मिस्र की सरकार एक जनांदोलन के जरिए उखाड़ फेंकी गई और इसमें मोबाइल फोन और सोशल नेटवर्किंग साइटों ने बड़ी भूमिका निभाई. विलियम्स ने बताया कि उत्तर कोरिया में कोर्योलिंक अकेली मोबाइल सेवा कंपनी नहीं है. दक्षिण कोरिया में रह रहे कई उत्तर कोरियाई शरणार्थी अपने परिवार से फोन पर बात करते हैं. इनके फोन पर सीमा पार चीन की मोबाइल कंपनियों से सिग्नल आते हैं. एक सर्वे के मुताबिक हर रोज दोनों कोरियाई देशों के बीच इस सिग्नल के जरिए कम से कम 3,000 कॉल किए जाते हैं.

54 साल के किम ताइ जिन 2001 में भाग कर दक्षिण कोरिया चले गए और अब सियोल में मानवाधिकार संगठन एके गुलाग के साथ काम करते हैं. किम ने बताया कि उत्तर कोरियाई पुलिस इन मोबाइल फोनों पर अब शिकंजा कस रही है. किम के मुताबिक, "चीनी सेलफोन का इस्तेमाल यहां राजनीतिक अपराध की तरह से देखा जाता है. हम जब उत्तर कोरिया में अपने लोगों को फोन करते हैं तो उस दौरान वो लगातार अपने फोन ऑन ऑफ करते रहते हैं जिससे कि पुलिस उनके कॉल को मॉनीटर न कर सके."

किम को ये तो नहीं पता कि उत्तर कोरियाई अधिकारी नए 3जी नेटवर्क को मॉनीटर कर रहे हैं या नहीं, लेकिन वो कहते हैं कि ज्यादातर लोगों को ये पता है कि अच्छा यही है कि फोन पर ऐसी कोई बात न की जाए जो राजनीतिक अपराध के दायरे में आती हो.

रिपोर्टः जेसन स्ट्रॉथर/ एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें