मैर्केल के साथ एसपीडी की गठबंधन वार्ता का रास्ता साफ
२१ जनवरी २०१८चांसलर मैर्केल के साथ फिर से गठबंधन सरकार बनाने पर एसपीडी पार्टी के अंदर गहरा विवाद है. यह विवाद पार्टी कांग्रेस के दौरान दिए गए भाषणों में भी दिखा. कांग्रेस प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए 642 मतों में 362 गठबंधन वार्ता शुरू करने के पक्ष में गए तो 279 ने इसका विरोध किया. मतदान में कांटे की टक्कर के कारण वोटों की गिनती करनी पड़ी. प्रतिनिधियों ने बहुमत से गठबंधन वार्ता शुरू करने को तो अनुमति दे दी है लेकिन साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर शुरुआती बातचीत में निकले परिणामों में बेहतरी लाने की मांग की है.
पिछले साल सितंबर में हुए जर्मन संसद बुंडेसटाग के चुनावों के बाद से जर्मनी में कोई सरकार नहीं बनी है. चुनावों में तत्कालीन सत्ताधारी गठबंधन के मतों में भारी कमी के बाद एसपीडी ने सरकार में नहीं रहने का फैसला किया था. इस फैसले को पार्टी सदस्यों का भी भारी समर्थन मिला, क्योंकि उनका मानना है कि सरकार में जूनियर पार्टनर रहने के कारण एसपीडी लगातार मतदाताओं का समर्थन खोती चली जा रही है. एसपीडी के मना करने के बाद सरकार बनाने का एकमात्र विकल्प उदारवादी एफडीपी और पर्यावरणवादी ग्रीन पार्टी के साथ चांसलर मैर्केल की सीडीयू-सीएसयू का गठबंधन था.
इससे पहले यूनियन पार्टियों के साथ ग्रीन पार्टी कभी भी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन में नहीं रही है, लेकिन वह गठबंधन वार्ताओं के लिए तैयार थी. अब तक सीडीयू-सीएसयू की स्वाभाविक सहयोगी समझी जानेवाली एफडीपी ने आरंभिक बातचीत के बाद गठबंधन वार्ता करने से इंकार कर दिया. चांसलर मैर्केल पहले ही अल्पमत सरकार बनाने की संभावना से इंकार कर चुकी थी. अंत में नया चुनाव एकमात्र रास्ता होता. लेकिन उसमें किसी नए नतीजे की उम्मीद न देखते हुए राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने अपनी पुरानी पार्टी एसपीडी से सरकार में शामिल होने की संभावना पर फिर से विचार करने की अपील की.
एसपीडी पार्टी कांग्रेस के फैसले के बाद अब जर्मनी में गठबंधन वार्ता शुरू हो पाएगी. चांसलर मैर्केल ने 12 फरवरी तक वार्ताओं को पूरा कर लेने की इच्छा जताई है. यदि बातचीत सफल रहती है और संसद में मैर्केल का बहुमत पक्का हो जाता है तो अप्रैल से पहले मैर्केल के चौथी बार चांसलर बन जाने की उम्मीद है. लेकिन उससे पहले गठबंधन के सहयोगियों को एसपीडी की एक और बाधा पार करनी होगी. गठबंधन वार्ता के अंत में होने वाले फैसलों को एसपीडी पार्टी के 440,000 सदस्यों के सामने अनुमोदन के लिए रखा जाएगा. उनके समर्थन के बाद ही गठबंधन सरकार बन पाएगी. जर्मनी के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब चुनाव के बाद सरकार बनाने में छह महीने लग जाएंगे.