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मैर्केल का यूरोप की एकजुटता पर जोर

२९ मई २०१७

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने रविवार को सात सबसे अमीर देशों के सम्मेलन जी7 के बाद आने वाले समय में पुराने सहयोगी देशों के साथ पहले जैसा सहयोग ना मिलने का अंदेशा जताया और यूरोप के और एकजुट होने की जरूरत पर बल दिया.

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Italien G7-Gipfel auf Sizilien
तस्वीर: picture alliance/dpa/M. Kappeler

जी7 देशों की बैठक में सदस्यों के बीच तनाव दिखायी दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और दूसरे पश्चिमी देशों के बारे में टिप्पणी करते हुए चांसलर मैर्केल ने कहा, "वो समय बीत गया जब हम उन पर पूरी तरह भरोसा कर सकते थे, हाल के दिनों में मुझे ऐसा अनुभव हुआ है." म्युनिख के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, "इसी कारण से मैं केवल इतना कह सकती हूं कि: हम यूरोपीय लोगों को अपनी किस्मत अपने हाथ में लेनी होगी." उन्होंने साफ किया कि ऐसा अमेरिका और ब्रिटेन के साथ दोस्ती की भावना को बरकरार रखते हुए ही किया जाना चाहिए, "लेकिन हम यूरोपीय लोगों को अपने भविष्य के लिए खुद ही संघर्ष करना होगा."

इटली के सिसली में हुई जी7 बैठक से जो रिपोर्टें मिलीं उनमें ट्रंप को ज्यादातर मुद्दों पर ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान के साथ विपरीत राय का बताया गया. समूह ने किसी तरह व्यापार को लेकर एक लक्ष्य तय करने पर सहमति बना ली. लेकिन जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर नीति को लेकर ट्रंप ने बाकी देशों से बिल्कुल विपरीत रवैया दिखाया. मैर्केल ने इसे "बहुत बड़ी समस्या" बताया.

चांसलर मैर्केल ने बैठक के दौरान शरणार्थियों के लिए और अधिक मदद मुहैया कराने के मुद्दे पर सामने आए प्रतिरोध का भी जिक्र किया. इन सब मुद्दों पर ट्रंप के अलग रास्ता पकड़ने पर मैर्केल ने कहा कि ऐसे में यूरोपीय देशों का और करीबी सहयोग करना बेहद जरूरी हो जाता है.

सितंबर में जर्मनी में आम चुनाव होने हैं जिसमें मैर्केल फिर से चांसलर चुने जाने के लिए चुनावी मैदान में उतरेंगी. चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी मार्टिन शुल्त्स ने भी "यूरोपीय देशों के बीच हर स्तर पर और गहरे सहयोग को ही डॉनल्ड ट्रंप का जवाब" बताया. ट्रंप के बर्ताव को उन्होंने ऐसे "निरंकुश नेता" जैसा बताया जो केवल "दूसरों को शर्मिंदा" करना चाहता है.

आरपी/एमजे (डीपीए)