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भारी विरोध के बाद हटेगी कोलंबस की मूर्ति

१५ अक्टूबर २०२१

मैक्सिको सिटी की सबसे प्रमुख सड़क से क्रिस्टोफर कोलंबस की मूर्ति को हटाया जाएगा. इसकी जगह पर एक मूल निवासी महिला 'द यंग वुमेन ऑफ अमाजाक' की मूर्ति की प्रतिकृति को लगाया जाना है.

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Mexiko Mexiko Stadt | Reinigung einer Statue von Christopher Columbus
तस्वीर: PEDRO PARDO/AFP

सड़क पर कोलंबस की मूर्ति की जगह औपनिवेशिक काल से पूर्व की एक मूल निवासी महिला की मूर्ति की प्रतिकृति को लगाया जाएगा. यह मूर्ति जनवरी में ही मैक्सिको के खाड़ी तट पर स्थित ह्वास्टेका क्षेत्र से मिली थी. इसे 'द यंग वुमेन ऑफ अमाजाक' के नाम से जाना जाता है.

इसे यह नाम उसी गांव से मिला है, जिसमें इसे एक खेत में दबा पाया गया था. हालांकि अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है कि यह पत्थर की कलाकृति वाकई किसे दर्शाती है.

असली मूर्ति से तीन गुना बड़ी

'द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एंथ्रोपोलॉजी एंड हिस्ट्री' का कहना है कि ऐसा लगता है कि मूर्ति में ह्वास्टेक संस्कृति की 'प्रजनन की देवी' का चित्रण किया गया है. लेकिन इंस्टीट्यूट से ही जुड़े पुरातत्व-शास्त्रियों का यह भी मानना है कि यह किसी राजपरिवार की सदस्य या शासकों में से एक भी हो सकती है.

Mexiko Prähispanische Frauenstatue
'द यंग वुमेन ऑफ अमाजाक' की मूर्तितस्वीर: Mexico's National Institute of Anthropology/AFP

कोलंबस की मूर्ति की जगह लगाई जाने वाली प्रतिकृति असली छह फुट की मूर्ति से तीन गुना ज्यादा बड़ी होगी. असली मूर्ति को मैक्सिको सिटी के एंथ्रोपोलॉजी म्यूजियम में रखा गया है.

शहर के प्रशासन ने यह फैसला किया कि कोलंबस की मूर्ति को एक कम प्रमुखता वाली जगह पर लगा दिया जाए और एक मूल निवासी महिला की मूर्ति को उसकी मूर्ति की जगह लगाया जाए क्योंकि इतिहास में मूल निवासियों को पर्याप्त जगह नहीं मिली है.

मैक्सिको सिटी की रिफॉर्मा सड़क पर पहसे से ही कई मूल निवासी लोगों की मूर्तियां हैं लेकिन सामान्य रूप से उन्हें नियो-क्लासिकल ढंग से बनाया गया है. "द यंग वुमेन ऑफ अमाजाक" की मूर्ति इस मायने में अलग होगी, हालांकि इसे भी कोलंबस की मूर्ति के लिए बने नियो-क्लासिकल ढांचे पर ही रखा जाएगा.

कोलंबस की मूर्ति का भारी विरोध

पिछले साल भी कोलंबस की मूर्ति को 12 अक्टूबर से तुरंत पहले कथित तौर पर मरम्मत के लिए हटा लिया गया था. 12 अक्टूबर को कोलबंस के अमेरिका पहुंचने की सालगिरह होती है. साल 1492 में इसी दिन वह यहां पहुंचा था.

BG Symbole kolonialer Vergangenheit | Kolumbus Statue in Mexiko Stadt
मेक्सिको सिटी का वो चौराहा जहां कोलंबस की प्रतिमा को सितंबर में रखा गया थातस्वीर: Hector Vivas/Getty Images

अमेरिका में इस दिन को 'कोलंबस दिवस' कहा जाता है लेकिन मैक्सिकन इसे 'दिया दे ला रजा' या 'नस्लीय दिन' कहते हैं. यहां कोलंबस की मूर्ति को लेकर पहले भी विरोध प्रदर्शन होता रहा है और इसे कई बार मूल निवासी लोगों के साथ बर्बर बर्ताव के लिए ग्राफिटी के जरिए निशाना भी बनाया गया है.

इस साल 12 अक्टूबर को मैक्सिको की केंद्रीय सरकार ने 'नस्लीय दिन' का नाम बदलकर 'बहुसांस्कृतिक राष्ट्र दिवस' करने का फैसला किया था, जिसे मैक्सिको के 70 मूलनिवासी संगठनों ने स्वीकृति भी दी थी.

बिना हटाए मुश्किल है सुरक्षा

हाल ही में मरम्मत कराने के बावजूद इस मूर्ति को हटाने के फैसले पर संगठन प्रमुख डिएगो प्रीतो हर्नांडेज ने माना कि कोलंबस की मूर्ति पर लगातार बना खतरा इसे हटाकर किसी पॉश इलाके के शांत पार्क में रखने के फैसले की वजह बना, जहां विरोध प्रदर्शन न हों.

Mexiko | Kolumbus-Denkmal | Mexico-Stadt
विकृत की हुई कोलंबस की मूर्तीतस्वीर: Marco Ugarte/AP Photo/picture alliance

उन्होंने यह सफाई भी दी, "यह उसके (कोलंबस के) चरित्र को लेकर किए किसी वैचारिक फैसले पर आधारित नहीं है बल्कि मूर्ति को बचाने के लिए है, जो शायद इसी जगह छोड़ दी जाती तो धमकी और विरोध प्रदर्शनों का निशाना बनती."

कोलंबस एशिया का छोटा रास्ता ढूंढने के लिए स्पेन के पूर्वी तट से अटलांटिक के रास्ते निकला लेकिन अमेरिका पहुंच गया. इस तरह तब तक दुनिया के लिए अछूते रहे अमेरिकी महाद्वीप के बारे में लोगों को जानकारी मिली.

तब तक यूरोप में माना जाता था कि दुनिया में तीन ही महाद्वीप हैं. हालांकि बाद में कोलंबस और अन्य व्यापारियों ने इन इलाकों को उपनिवेश बनाने में भूमिका निभाई, इन पर अमेरिका के मूल निवासियों पर बर्बर अत्याचार के आरोप भी हैं.

एडी/सीके (एपी)

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