मेट्रो का सफर और भी मस्त
साल 2002 में सार्वजनिक परिवहन के रूप में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो ने अब कला और सांस्कृतिक केंद्र का भी रूप ले लिया है. मेट्रो से रोज सफर करने वालों के बीच पेंटिंग्स और आर्ट आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं.
प्रकृति के नजदीक
अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर विशालकाय पक्षियों की पेंटिंग्स स्टेशन पर आने वाले हजारों यात्रियों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने St+art के साथ मिलकर इन दीवारों में जान डालने का प्रयास किया है.
दीवारों में जीवन
अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन परिसर में कई रंग बिरंगी पेंटिंग्स बनाई गई है. मकसद है लोगों को प्रकृति के नजदीक लाना और साथ ही रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को सुखद एहसास दिलाना.
इंटरनेशल लुक
सिंगापुर, मैक्सिको और भारत के कलाकारों ने इन विशालकाय पेंटिंग्स को तैयार किया है. दक्षिण दिल्ली और गुड़गांव को जोड़ने वाले इस स्टेशन की खास बात ये है कि इसके आस-पास कई जीव जन्तु पाए जाते हैं.
राष्ट्रीय पशु की दस्तक
दिल्ली के गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन पर कलाकारों ने एक विशाल बाघ की तस्वीर उकेरी है.
इतिहास भी जरूरी
पेंटिंग्स के अलावा स्टेशन परिसर में दिल्ली के इतिहास को भी दर्शाया गया है. कई स्टेशनों में पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगाई गई हैं.
भाग दौड़ के बीच कला
मेट्रो का शहरी परिवहन का आधुनिक साधन माना जाता है लेकिन इसमें चार चांद तब लग जाता है जब इसमें कला और इतिहास का तड़का लग जाता है. भागते दौड़ते यात्रियों की जब इन तस्वीरों पर पड़ती हैं तो वो भी एक पल के लिए इतिहास में खो जाते हैं.