मुहम्मद अली: महानतम मुक्केबाज
बॉक्सिंग की रिंग के भीतर और बाहर मुहम्मद अली एक सुपरस्टार माने जाते थे. बर्लिन की एक गैलरी में उनके जीवन के कुछ अंतरंग पलों की तस्वीरें पेश हुईं.
महामानव
यह तस्वीर 1966 में मुहम्म्द अली के पसंदीदा फोटोग्राफरों में से एक जर्मनी के थोमास होएप्कर ने शिकागो में खींची थी.
देशभक्ति
कार्ल फिशर ने 1967 में "एस्क्वायर" पत्रिका के लिए अली की यह तस्वीर बनाई. अमेरिका-वियतनाम युद्ध में अमेरिकी सेना में भर्ती होने से मना करने के कारण उन्हें श्वेत अमेरिकियों का गुस्सा भी झेलना पड़ा.
पॉप पंच
1964 में हैरी बेनसन ने कैसियस क्ले की तस्वीरें लीं. उस समय मुहम्मद अली इसी नाम से जाने जाते थे. मायामी में दि बीटल्स से मुलाकात करते क्ले उर्फ अली.
रिंग के शेर
बॉक्सिंग रिंग में ली गई यह शायद मशहूर तस्वीर हो. 1965 में फोटोग्राफर नील लीफर ने अपनी इस फोटो में अली के व्यक्तित्व के आक्रामक पहलू को बहुत खूबी से कैद किया है.
प्रार्थना की शक्ति
क्ले ने 1965 में इस्लाम कुबूल कर अपना नाम बदलकर मुहम्मद अली रखा. थोमस होएप्कर की 1966 की इस तस्वीर में लंदन की रिंग में प्रार्थना में लीन अली.
शो हमेशा जारी
अली के ट्रेनिंग सेशन भी सार्वजनिक आयोजन होते थे. पीटर आंजेलो सीमोन ने 1974 में अली की रस्सी कूदने के अभ्यास की यह तस्वीर ले ली. इसी साल अली ने जॉर्ज फोरमैन को एक जबर्दस्त मुकाबले में हराया जिसे "दि रंबल इन द जंगल" कहा जाता है.
सुंदर तस्वीर
"महानतम" के बाद खुद के बारे में अली दूसरा जो विशेषण इस्तेमाल करते थे, वह था "प्रिटी". वह बाकी मुक्केबाजों की तरह अपने चेहरे पर खरोचों के निशान ना होने को लेकर बड़े खुश होते. शिकागो में बार्बर शॉप में थोमस होएप्कर की ली तस्वीर.
खून, पसीना और आंसू
थोमस होएप्कर की 1966 में ली इस तस्वीर से पता चलता है कि रिंग में शानदार प्रदर्शन करने वाले अली उसके लिए कितनी कड़ी मेहनत किया करते थे.
काम में उस्ताद
इन अच्छी अच्छी तस्वीरों से यह भी पता चलता है कि अली खेल में अच्छे प्रदर्शन के साथ साथ प्रसिद्धि पाने के दूसरे जरूरी तरीकों के बारे में भी जानते थे. फोटोग्राफर अली की तारीफ करते नहीं थकते क्योंकि उनके अनुसार अली फोटोग्राफी के माध्यम को अच्छी तरह समझते थे.