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मुल्ला उमर ने कराया पाकिस्तान में इलाज

२० जनवरी २०११

एक अमेरिकी अखबार ने दावा किया है कि तालिबान के मुखिया मुल्ला उमर को दिल का दौरा पड़ने के बाद उसका पाकिस्तान में इलाज किया गया. अखबार के मुताबिक इस काम में पाकिस्तान खुफिया एजेंसियों ने मदद की.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक सात जनवरी को मुल्ला उमर को दिल का दौरा पड़ा. इसके तुरंत बाद उसे कराची के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां कई दिनों तक उसका इलाज चला. पूर्व अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों के एक खुफिया नेटवर्क से मिली रिपोर्ट के आधार पर अखबार ने यह खबर छापी है. एक्लिप्स नाम के इस नेटवर्क ने एक डॉक्टर के हवाले से यह रिपोर्ट तैयार की. इस रिपोर्ट में डॉक्टर का बयान भी छपा है जिसने कहा है, "मैं खुद ऑपरेशन थिएटर में नहीं था लेकिन मरीजों को देखने के दौरान जो मैंने सुना और देखा उसके आधार पर कह सकता हूं कि मुल्ला उमर के दिल में कोई बीमारी पैदा है जिसकी वजह से खून का रिसाव या दिल का दौरा या फिर दोनों चीजें हुई हैं."

डॉक्टर ने ये भी कहा कि ऑपरेशन के बाद मुल्ला उमर के दिमाग को भी नुकसान पहुंचा और उसकी जुबान लड़खड़ा रही थी. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई "मुल्ला उमर को अस्पताल लेकर गई, उसे हेपारिन दिया गया और फिर उसका ऑपरेशन किया गया,ऑपरेशन के बाद तीन चार दिन तक वह अस्पताल में ही रहा इसके बाद उसे आईएसआई के हवाले कर दिया गया साथ ही यह हिदायत भी दी गई कि घर में उसे अगले कई दिनों तक पूरी तरह से आराम की स्थिति में रखा जाए."

मुल्ला उमर एक आंख से काना है और 2001 में अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद से ही भूमिगत हो गया.

पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ चल रही जंग में गठबंधन सेना का सहयोगी है लेकिन अमेरिकी अधिकारी आईएसआई पर इल्जाम लगाते रहे हैं कि वह तालिबान की मदद कर रही है. आईएसआई के बारे में कहा जाता है कि वह अभी भी मुल्ला उमर के साथ है जिसकी उसने 1996 से 2001 के दौरान अफगानिस्तान पर शासन करने में मदद की थी. पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है. वॉशिंगटन में पाकिस्तानी राजदूत हुसैन हक्कानी ने एक्लिप्स की रिपोर्ट के बारे मे कहा है कि इन खबरों का कोई आधार नहीं है. अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट से हक्कानी ने कहा, "कई बार अधिकारियों से मिली खुफिया जानकारियां गलत साबित होती हैं. मुल्ला उमर के बारे में मिली भी जानकारी इसी दायरे में आती है."

अमेरिकी अखबार के मुताबिक सीआईए के आतंकवाद निरोधी केंद्र के पूर्व प्रमुख एक्लिप्स को चला रहे हैं. ये अधिकारी पूर्व राजनयिक भी हैं और इराक में अमेरिकी फौज की स्पेशल फोर्सेज इनफॉर्मेशन ऑपरेशन में स्पेशलिस्ट भी रह चुके हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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