मुर्सी की पेशी एक फरवरी को
८ जनवरी २०१४मिस्र के सरकारी टेलीविजन ने रिपोर्ट दी है कि खराब मौसम और कोहरे की वजह से मुर्सी का विमान नहीं उड़ पाया जिसकी वजह से वे अदालत नहीं पहुंच पाए हैं. उन्हें फिलहाल एलेक्जैंड्रिया के पास एक जेल में रखा गया है. इससे पहले राष्ट्रीय मीडिया ने रिपोर्ट दी कि मुर्सी को अदालत पहुंचा दिया गया है, लेकिन बाद में इसमें बदलाव करते हुए ताजा जानकारी दी गई.
पिछले साल जुलाई में मिस्र की सेना ने मुर्सी को सत्ता से हटा दिया था, जिसके बाद अदालत में यह उनकी दूसरी पेशी है. पहली बार जब 4 नवंबर, 2013 को उन्हें अदालत में पेश किया गया, तो उन्होंने कार्यवाही को मानने से ही इनकार कर दिया और कहा कि वह अभी भी देश के कानूनी राष्ट्रपति हैं.
मुर्सी के साथ मुस्लिम ब्रदरहुड के 14 और लोगों को भी इस मुकदमे में शामिल किया गया है. मुस्लिम ब्रदरहुड ने अदालती कार्यवाही के वक्त 10 लाख लोगों की रैली की अपील की है. मिस्र के नए प्रशासन के लिए मुर्सी का मामला लिटमस टेस्ट की तरह साबित हो सकता है, जिन पर बहुत सख्त कार्रवाई के आरोप लग रहे हैं.
अदालत परिसर के चारों ओर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है और पुलिस बलों को तैनात किया गया है. मानवाधिकार संगठनों ने मुर्सी के खिलाफ कई आरोपों को खारिज किया है. देश में अंतरिम सरकार बनने के बाद से मुस्लिम ब्रदरहुड के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. राष्ट्रपति मुबारक के समय यह एक भूमिगत संगठन था.
मिस्र के राष्ट्रपति मुर्सी के सत्ता से हटने के बाद से देश भर में तनाव और बेचैनी फैली हुई है, जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. पिछले शुक्रवार को पूरे मिस्र में पुलिस के साथ झड़प के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई. राजनीतिक समझौते की संभावना बहुत कम है. मिस्र अरब का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. मुर्सी पर इसके अलावा जासूसी और आतंकवादियों के साथ मिल कर मिस्र में हमलों की योजना बनाने का मुकदमा भी चलेगा. देश में होस्नी मुबारक के लंबे कार्यकाल के बाद 2011 की क्रांति में उनकी सत्ता उखाड़ फेंकी गई. इसके बाद जून, 2012 में मुर्सी देश के पहले निष्पक्ष निर्वाचित राष्ट्रपति बने. लेकिन उनकी सत्ता एक साल से ज्यादा नहीं चल पाई.
एजेए/एमजे (एएफपी, डीपीए)