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मुंबई पूरे भारत कीः सचिन तेंदुलकर

१४ नवम्बर २००९

मुंबई पर चाहे कोई और अपना अधिकार भले जताता हो लेकिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि यह शहर पूरे भारत का है और वह अपने देश भारत के लिए खेलते हैं. सचिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 साल पूरा कर चुके हैं.

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मुंबई पूरे भारत की हैतस्वीर: AP

मराठी मानुष की राजनीति के बीच दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेटर मुंबई को पूरे भारत का बताता है. इसी मुंबई से ताल्लुक़ रखने वाले सचिन तेंदुलकर का कहना है कि वह मराठी होने को गौरव की बात मानते हैं लेकिन यह मुंबई भारत का एक हिस्सा है. सचिन तेंदुलकर ने कहा, "मैं महाराष्ट्र का होने को लेकर बेहद गौरवान्वित महसूस करता हूं. लेकिन मुंबई भारत का एक हिस्सा है और मैं भारत के लिए खेलता हूं."

देश के लिए खेलते सचिन

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 साल पूरा कर चुके सचिन तेंदुलकर का कहना है कि उन्होंने क्रिकेट में जो कुछ भी हासिल किया, अपने देश के लिए किया. मौजूदा दौर के सबसे महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर कहते हैं, "पूरे देश के क्रिकेट प्रेमियों से जो प्यार और स्नेह मिलता है, वह बहुत बड़ा है. आपकी सफलता में शामिल होने के लिए लोगों की ज़रूरत होती है और मेरी सफलता में सौ करोड़ से ज़्यादा लोग शामिल हैं. मेरे लिए इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता."

Sachin Tendulkar
सफलता के बावजूद एक सरल इंसानतस्वीर: AP

क्रिकेट में असीम उपलब्धि हासिल कर चुके सचिन तेंदुलकर ने मुंबई में मीडिया से दिल खोल कर बातें कीं और छह घंटे से भी ज़्यादा इंटरव्यू देते रहे. आम तौर पर अगर वह ग्राउंड पर इतने देर रह जाते हैं तो सैकड़ा ज़रूर ठोंक देते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने सबकी बातें सुनीं. मीडिया से शर्माने वाले सचिन तेंदुलकर ने खुल कर सबकी बातें सुनीं और उनके जवाब दिए. उन्होंने फ़र्राटे से हिन्दी, मराठी और इंग्लिश में लोगों के सवाल के जवाब दिए.

सचिन ने इस दौरान युवा क्रिकेटरों के सवालों के भी जवाब दिए और उन्होंने बताया कि किस तरह उनके गुरु रमाकांत अचरेकर ने उनसे कहा था कि अगर वह स्कूल क्रिकेट में सेंचुरी बनाएंगे तो वह उनके घर खाने पर आएंगे. इसके बाद जब सचिन ने पहला शतक बनाया तो उन्हें बहुत ख़ुशी हुई. सचिन ने बताया कि किस तरह सुनील गावस्कर का दिया पैड उनके किसी साथी ने उड़ा लिया और वह बेहद परेशान रहे.

सरल मिज़ाज़ के खिलाड़ी

सचिन जितनी ख़ूबसूरत बल्लेबाज़ी करते हैं, उतना ही सहज स्वभाव उनका ग्राउंड पर रहा है. बीस साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में ऐसा एक भी मौक़ा नहीं आया, जब उनके बर्ताव को लेकर अंगुली उठी हो. बस एक बार गेंद से छेड़ख़ानी का आरोप लगा था, जो बाद में हटा लिया गया. ग्राउंड के बाहर भी वह बेहद ख़ुशमिज़ाज और सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं. वह मैच फ़िक्सिंग को क्रिकेट के इतिहास में काला अध्याय समझते हैं और इस मौक़े पर उन्होंने मैच फ़िक्सिंग पर बात नहीं की.

सचिन ने बताया कि उनकी मां को क्रिकेट के बारे में कुछ पता नहीं है लेकिन वह उनके और देश के लिए प्रार्थना करती रहती हैं. मास्टर ब्लास्टर का कहना है कि वह अपने बड़े भाई अजीत तेंदुलकर के साथ क्रिकेट के गुर बांटते हैं और उनकी बल्लेबाज़ी अजीत से बेहतर कोई नहीं समझता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एम गोपालकृष्णन