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मिर्गी के मरीजों पर संगीत का असर

१७ सितम्बर २०२१

मिर्गी के कई मरीजों पर संगीतकार मोजार्ट के संगीत के शांत करने वाले असर को पहले भी देखा गया है. अब एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ऐसा कुछ धुनों की मरीजों को आश्चर्यचकित करने की क्षमता की वजह से हो सकता है.

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तस्वीर: Nir Elias/REUTERS

यह शोध मिर्गी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए 16 मरीजों पर किया गया. इन मरीजों पर दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा था लेकिन मोजार्ट की एक संगीत रचना का असर हुआ. इससे यह उम्मीद जगी है कि नए गैर आक्रामक तरीकों से इलाज के लिए संगीत का इस्तेमाल किया जा सकता है.

इस अध्ययन के सह-लेखक रॉबर्ट क्वॉन ने बताया, "हमारा सपना है कि हम एक "मिर्गी विरोधी" संगीत शैली को परिभाषित कर सकें और संगीत के इस्तेमाल से मिर्गी के मरीजों का जीवन और बेहतर बना सकें." "सोनाटा फॉर टू पियानोज" नाम की यह संगीत रचना डी मेजर के448 में है और इसे अनुभूति और दिमाग की दूसरी गतिविधियों पर असर के लिए जाना जाता है.

मिर्गी का इलाज

हालांकि ऐसा कैसे होता है इसे समझने की कोशिश शोधकर्ता आज भी कर रहे हैं. इस नए अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने मरीजों के दिमाग में सेंसर लगा कर इस सोनाटा को बजा कर दिमाग में आईईडी के उत्पन्न होने के बारे में जानने की कोशिश की. आईईडी छोटी लेकिन नुकसानदायक दिमागी गतिविधियां होती हैं जो मिर्गी के मरीजों के दिमाग में दौरे पड़ने के बीच में देखी जाती हैं.

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संगीत के दिमाग पर सकारात्मक असर के कई प्रमाण मिल रहे हैंतस्वीर: Roman Budnikov/Zoonar/picture alliance

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि सोनाटा को 30 सेकंड सुनने के बाद आईईडी कम हो गईं और भावनाओं से संबंधित दिमाग के हिस्से पर महत्वपूर्ण असर पड़ा. फिर जब उन्होंने दिमाग की इस प्रतिक्रिया को सोनाटा के ढांचे से मिलाया तो पाया कि ज्यादा लंबे संगीत के अंशों के बीच परिवर्तन के दौरान यह असर बढ़ जाता था.

इस तरह के परिवर्तन की अवधि 10 सेकंड या उससे ज्यादा की थी. क्वॉन ने बताया यह इस बात का संकेत है कि लंबे अंश दिमाग में एक पूर्वाभास पैदा करते हों और फिर उसका जवाब कुछ ऐसे देते हों जिसका पहले से अंदाजा ना हो. इससे "एक सकारात्मक भावनात्मक प्रतिक्रिया की रचना " होती होगी.

दिमाग पर संगीत का असर

इस तथाकथित "मोजार्ट असर" पर वैज्ञानिक 1993 से शोध कर रहे हैं. उस साल वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि जिन लोगों ने के448 को 10 मिनट के लिए सुना उनकी तर्क करने की क्षमता में सुधार देखा गया. इसके बाद और भी शोध किए गए जिनमें दिमाग की कई गतिविधियों और बीमारियों पर के448 के असर का परीक्षण किया गया. इनमें मिर्गी भी शामिल है.

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के448 सोनाटा के कुछ अंश दिमाग को शांत करते हैंतस्वीर: Oleksiy Maksymenko/All Canada Photos/picture alliance

लेकिन इस नए शोध के लेखकों ने दावा किया कि यह पहली बार है जब सोनाटा के ढांचे के आधार पर नतीजों को और बारीकी से देखा गया है. पिछले अध्ययनों की तरह की जब मरीजों को के448 के अलावा दूसरी रचनाएं सुनाई गईं तो उनकी दिमागी गतिविधि में कोई अंतर नहीं देखा गया.

अध्ययन में कहा गया है कि आगे जाकर गौर से चुने हुए दूसरे संगीत अंशों का भी तुलना के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि इस सोनाटा के चिकित्सा संबंधी अंशों को और बारीकी से समझा जा सके. 

सीके/एए (एएफपी)

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