'मिनी' स्कर्ट का 5 दशक लंबा है इतिहास
महिलाओं का यह छोटा सा लिबास केवल फैशन ही नहीं, आजादी और फेमिनिज्म का भी प्रतीक रहा है. कई परंपरावादी मिनी स्कर्ट को अभद्र और अश्लील भी बताते हैं. जो भी हो, बीसवीं सदी की संस्कृति में इस अंदाज का नाम भी दर्ज हो चुका है.
घूरती नजरें
पश्चिमी समाज में तो इसका काफी प्रचलन है लेकिन भारत समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में किसी लड़की का मिनी स्कर्ट पहने दिखना इतना आम नहीं. अब भी ऐसी स्कर्ट पहने किसी लड़की को लोग घूरने से बाज नहीं आते.
मरियम क्वांट
भले ही आज भी मिनी स्कर्ट पहनने को आधुनिकता का प्रतीक माना जाता हो लेकिन सच तो यह है कि इसका चलन 50 साल पहले ही शुरू हो गया था. लंदन की डिजाइनर क्वांट (दाएं) ने 1964 में ही अपनी मॉडलों पर मिनी स्कर्ट के कई डिजाइन पेश किए. माना यही जाता है कि क्वांट ने अपनी पसंदीदा छोटी कार 'ऑस्टिन मिनी' के नाम पर इसे मिनी स्कर्ट कहा.
'ट्विगी'
1960 के दशक में पतले हाथ, पैरों वाली लंदन की इस मशहूर मॉडल लेस्ली लॉसन को 'ट्विगी' उपनाम से ज्यादा जाना जाता था. तस्वीर में मिनीड्रेस में दिख रही ट्विगी ने बाद में एक अभिनेत्री और गायिका के रूप में भी पहचान बनाई.
ऊंची कला से आई छोटी ड्रेस
मिनी स्कर्ट में स्ट्रीट फैशन, साठ के दशक में लंदन में लड़कियों ने छोटे स्कर्ट पहनना शुरू किया. कुछ ही सालों में ये स्ट्रीट फैशन हाई फैशन बन गया.
बड़े व्यक्तित्व वाले स्कर्टप्रेमी
60 और 70 के दशक में अमेरिका की मशहूर फेमिनिस्ट, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता ग्लोरिया श्टाइनेम ने महिलाओं के अधिकारों के लिए काफी संघर्ष किया. वे मिनी स्कर्ट पहन उसे सम्मानजनक ड्रेस का दर्जा दिलाने वाली कुछ मशहूर लोगों में शामिल हैं.
'शकीरा, शकीरा'
कोलंबिया की इस गायिका के प्रशंसक दुनिया भर में हैं. आज भी जब वह मिनी स्कर्ट पहन स्टेज पर उतरती हैं तो 50 साल पुराना मिनी स्कर्ट का फैशन नए आयाम लेता है.