महामारी, जंग और आपदा वाले साल की बेहतरीन तस्वीरों में घोड़ा और चीता भी
64वें वर्ल्ड प्रेस फोटो अवार्ड के लिए नॉमिनेट हुई तस्वीरों में महामारी में लिपटे साल की मुश्किलें दिख रही हैं. जाने माने पुरस्कार के लिए आठ वर्गों में तस्वीरें चुनी जाती हैं. देखिए कौन तस्वीरें अवार्ड की दौड़ में हैं.
फरवरीः यमन में भूख
बीते साल महामारी के आगाज से पहले ही यमन में भुखमरी छाई थी. यूनिसेफ इसे दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट मानता है. यह स्थिति शिया हूथी विद्रोहियों और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सु्न्नी अरबों के गठबंधन के बीच जंग की वजह से पैदा हुई है. यमन की 80 फीसदी आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर है.
अप्रैलः कोविड-19
मार्च 2020 में दुनिया महामारी में घिर गई. कई जगहों पर इसके लिए तैयारी नहीं की गई थी. कहीं वेंटीलेटरों की कमी थी तो कहीं पीपीई किट की. ज्यादातर लोगों को मरे हुए लोगों के शव से निपटने का भी तरीका नहीं पता था. डब्ल्यूएचओ ने शवों को तस्वीर में दिख रहे तरीके से सील करने की हिदायत दी. बहुत से लोगों ने अपनों को खो दिया और वो उन्हें आखिरी विदाई भी नहीं दे सके. वायरस ने उनका दुख और गहरा कर दिया.
अप्रैलः चीता
यह मादा चीता अमेरिका में फ्लोरिडा के एक रैंच में रहती है. वह फ्लोरिडा के 200 चीतों में से एक है. चीते की इस प्रजाति ने लुप्त होने के कगार पर पहुंचने के बाद वापसी की है हालांकि ये जानवर फ्लोरिडा में जमीन की लड़ाई में फंस गया है. उनकी रिहाइश का 400 वर्गमीटर इलाका हर साल स्थानीय विकास की भेंट चढ़ रहा है.
अप्रैलः टिड्डी दल का हमला
जब टिड्डियों का हमला होता है तो कीटनाशकों का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है. 2020 में यह काम और ज्यादा मुश्किल था क्योंकि महामारी के कारण सप्लाई चेन बंद थी. पूर्वी अफ्रीका पर इसका सबसे बुरा असर हुआ. किसानों के लिए अपनी फसल को बचाना और स्थानीय लोगों को खाने पीने की सप्लाई मुश्किल हो गया.
जूनः ब्लैक लाइव्स मैटर
2020 की गर्मियों में सामाजिक न्याय की लड़ाई तेज हो गई. आने जाने की बंदिशों के बावजूद विरोध करने वाले बड़ी संख्या में ब्लैक लाइव्स मैटर के समर्थन में जमा हो गए. यह विरोध अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद शुरू हुआ. पुलिस ने इस काले शख्स की गर्दन को घुटनों से जमीन पर दबा रखा था और इस वजह से उसकी मौत हुई.
जुलाईः लुकाशेंको का विरोध
बेलारूस में एलेक्जेंडर लुकाशेंको को अभूतपूर्व विरोध का सामना कर पड़ रहा है. वह छठी बार राष्ट्रपति बनने की फिराक में हैं. राजनीतिक कार्यकर्ता पावाल सिवियारनिच विपक्षी राजनेताओं में शामिल हैं. उन्हें हस्ताक्षर अभियान चलाते हुए गिरफ्तार किया गया. उनकी पत्नी ओल्गा उनकी रिहाई के लिए इंतजार कर रही हैं.
जुलाईः जेड माइन में भूस्खलन
म्यांमार के काचिन राज्य में हुए भूस्खलन में 100 लोगों की जान चली गई. यह आपदा जेड यानी ग्रीन स्टोन की खान में आई थी जो दुनिया में सबसे बड़ा है. यहां से निकला ज्यादातर स्टोन चीन जाता है. चीन के साथ म्यांमार का कारोबार उसकी जीडीपी के आधे हिस्से के बराबर है. इतने बड़े पैमाने पर कारोबार होने की वजह से सरकार पर्यावरण को लेकर होने वाली चिंताओं को दरकिनार कर देती है.
अगस्तः पहला आलिंगन
अगस्त में दुनिया को वायरस से लड़ने का तरीका पता चल गया. स्पर्श से बचना, बुजुर्गों से शारीरिक संपर्क खत्म करना और दोस्तों या सहयोगियों के साथ मुलाकातें बंद करना. हालांकि बहुत से लोगों ने इसके लिए कुछ तरीके निकालें. हगिंग कर्टेन भी इसका एक हिस्सा थे. ब्राजील की 85 साल की लुजिया लुनार्डी ने पांच महीने बाद किसी को पहली बार गले लगाया.
अगस्तः बेरूत में धमाका
लेबनान तो पहले से ही बहुत सारे संकटों को सामना कर रहा है लेकिन इसी बीच राजधानी बेरूत में हुए एक धमाके ने शहर के सिटी सेंटर के परखच्चे उड़ा दिए. करीब 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट के धमाके में कम से कम 190 लोगों की मौत हुई. टूटे कांच के टुकड़ों, बंदरगाह से उठते धुएं के बादल और बर्बाद हुई इमारतों के वीडियो देख कर दुनिया हैरान रह गई. इस हादसे में 6000 लोग घायल हुए.
सितंबरः जंगल की आग
2020 में दुनिया ने आस्ट्रेलिया, कैलिफोर्निया और पुर्तगाल में भयानक जंगल की देखी. कैलिफोर्निया के कुछ हिस्सों में तो पूरा आकाश ही कई दिनों के लिए नारंगी हो गया था. गर्म मौसम और सूखे ने इन जगहों पर जंगल की आग को भयानक स्थिति में पहुंचा दिया खासतौर से पुर्तगाल में.
सितंबरः जिम अब भी बंद
कोविड-19 की महामारी के कारण कई महीनों के लिए जिम बंद हो गए. खेलकूद और कसरत के शौकीनों ने इसके लिए अलग तरीका निकाला लिया. बहुत से लोग बोल्डरिंग करने के लिए अलग अलग ठिकानों पर गए. इनमें लकड़ियों का अंबार भी शामिल था.
नवंबरः मददगार घोड़े
जानवर तनाव और चिंता को दूर कर सकते हैं. खासतौर से घोड़े भावनाओं और बीमारियों को जल्दी से और आसानी से समझ लेते हैं. तस्वीर में नजर आ रहा घोड़े का नाम पेयो है. यह हर महीने करीब 20 मरीजों की मदद करता है. यह मरीजों में कैंसर और ट्यूमर का पता लगाने में सक्षम है और इसलिए यह वैज्ञानिकों के साथ काम करता है.
नवंबरः नागोर्नो काराबाख
करीब 30 साल तक इलाके में शांति रहने के बाद अजरबाइजान और अर्मेनिया के बीच नागोर्नो काराबख इलाके में सितंबर में जंग छिड़ गई. अब इसे नागोर्नो काराबाख की दूसरी जंग कहा जा रहा है. तस्वीर में दिख रहे अजात गेवोर्क्यान और उनकी पत्नी अनायक अपना घर छोड़ कर जा रहे हैं क्योंकि यह इलाका अजरबाइजान को वापस किया जाना है.