1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

नहीं होगी महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच

७ मार्च २०१८

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महात्मा गांधी की हत्या के मामले को दोबारा खोलने का आदेश देने में न्यायालय की कोई रुचि नहीं है.

https://p.dw.com/p/2tobg
Mahatma Gandhi (1869-1948) in 1946
तस्वीर: picture-alliance/akg-images/K. Gandhi

सुप्रीम कोर्ट ने महात्मा गांधी की हत्या की जांच दोबारा कराने के मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा है. याचिकाकर्ता की दलील है कि महात्मा गांधी की हत्या पर पड़ा पर्दा इससे जुड़े तथ्यों को गुप्त रखने की इतिहास की सबसे बड़ी कोशिश है. जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वरा राव ने कहा कि इस मामले में कार्यवाही कानून के अनुसार होगी ना कि मामले में शामिल व्यक्ति की हैसियत के आधार पर या भावनाओं में बहकर.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह भी कहा कि गांधी जी की हत्या के मामले को दोबारा खोलने का आदेश देने में न्यायालय की कोई रुचि नहीं है क्योंकि हत्या में शामिल व्यक्ति की पहले ही पहचान हो चुकी है और उसे दोषी भी ठहराया जा चुका है. बेंच ने कहा, "अब बहुत देर हो चुकी है. हम इसकी जांच दोबारा नहीं कराएंगे."

हत्या की दोबारा जांच की मांग करने वाले मुंबई निवासी पंकज कुमुदचंद्र फडनीस ने अदालत को बताया कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं जिनसे यह पता चलता है कि गांधी जी की हत्या के पीछे बहुत बड़ी साजिश थी.

शोधकर्ता और दक्षिणपंथी संगठन 'अभिनव भारत' के सदस्य फडनीस ने कहा कि उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित कांग्रेस के पुस्तकालय से ऐसे दस्तावेज जुटाए हैं जिन्हें भारत सरकार ने यहां प्रतिबंधित कर दिया था.

इस मामले में अदालत का सहयोग करने के लिए नियुक्त न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र शरण ने कहा था कि दोबारा जांच की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हत्या के पीछे साजिश और उन पर गोलियां चलाने वाला कातिल नाथूराम विनायक गोडसे दोषी सिद्ध हो चुका है.

आईएएनएस/आईबी