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मलेशिया में एक नये महानगर का निर्माण

२५ अप्रैल २०११

दक्षिण मलेशिया में पहाड़ियों की वादी में एक विशाल महानगर बनाया जा रहा है, जिसका आकार पड़ोस के सिंगापुर का तीन गुना होगा. भारी संख्या में निवेशक इस विशाल परियोजना में शामिल हो रहे हैं.

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जोहोर प्रांत में 2,217 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह नया सिंगापुर बनने जा रहा है. यह इस्कंदर मलेशिया क्षेत्र के अंतर्गत है, जो देश के पांच आर्थिक विकास गलियारे में से एक है. सन 2006 में इस क्षेत्र का निर्माण शुरू किया गया था, और इसमें मौजूदा शहरों और बंदरगाहों को शामिल किया जा रहा है. साथ ही एक नये हवाई अड्डे का भी निर्माण किया जाने वाला है. सन 2025 तक परियोजना के पूरे होने की उम्मीद है, जिसके तहत थीम पार्क, आलीशान मकानों, अंतरराष्ट्रीय स्कूलों, होटलों, अस्पतालों, एक फिल्म स्टूडियो और एक व्यापारिक क्षेत्र के निर्माण की योजना है.

लेकिन सिंगापुर से प्रतिद्वंद्विता के बदले इस नये महानगर के निर्माण में वहां के निवेशकों को भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस्कंदर रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईआरडीए) के चीफ एग्जिक्यूटिव इस्माइल इब्राहिम का कहना है कि वे एक दूसरे को सहयोगी समझते हैं, क्योंकि समृद्धि और उसके बेहतर वितरण के लिये दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. उन्होंने कहा कि निवेशकों की नजर में इस्कंदर एक व्यवहारिक योजना है, जो सफल होता दिख रहा है.

ग्लोबल कैपिटल ऐंड डेवलपमेंट (जीसीडी) को इस्कंदर के मुख्य भाग मेदिनी के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जीसीडी के चीफ एग्जिक्यूटिव कीथ मार्टिन का कहना हे कि यह नया महानगर सिंगापुर की सफलताओं के सहारे आगे बढ़ सकता है. सिंगापुर इस बीच भर चुका है और वहां निर्माण के लिये कोई जगह नहीं बची है इसके साथ ही व्यापार का खर्च आसमान छू रहा है.

Singapur - Singapore River
सिंगापुर से प्रतिद्वंद्विता नहींतस्वीर: picture-alliance/ ZB

सन 2008-2009 के विश्वव्यापी आर्थिक संकट से एशियाई देश काफी तेजी से उबर सके हैं. इसके अलावा मलेशिया और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंध भी सुधरे हैं. इन सब कारणों से इस्कंदर क्षेत्र के लिए निवेशकों की दिलचस्पी भी बढ़ी है. इस क्षेत्र में जोहोर प्रांत की राजधानी जोहोर बाहरु भी शामिल है और सिंगापुर के साथ रेलमार्ग, जलमार्ग व हवाई संपर्कों में बेहतरी लाते हुए व आप्रवास के नियमों को सरल बनाते हुये एक समग्र विकास की परियोजना बनाई जा रही है, जिसे कई चरणों में पूरा किया जाएगा.

सन 2010 के अंत तक 23 अरब डॉलर के बराबर निवेश की पुष्टि हो चुकी थी. यह निर्धारित लक्ष्य से 48 फीसदी अधिक थी. आईआरडीए के प्रधान इस्माइल इब्राहिम का कहना है कि इसमें 40 फीसदी विदेशी पूंजीनिवेश है.

मूल योजना के अनुसार न्यूयार्क या हॉन्गकॉन्ग की तर्ज पर एक फाइनेंस सेंटर बनाया जाना था, जिसके तहत मेदिनी में गंगनचुंबी इमारतें बननी थीं. लेकिन 2007-08 की मंदी के बाद तय किया गया है कि यहां छोटे व मंझले आकार के उद्यमों के लिये सस्ती व्यवस्था की जाएगी, लेकिन उनकी गुणवत्ता में कमी नहीं आने दी जाएगी. साथ ही 200 हेक्टेयर से बड़े आवासीय क्षेत्र में स्वास्थ्यप्रद ढंग से आवास को प्रोत्साहन दिया जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एन रंजन

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