मर्लिन मुनरो की तस्वीर से हुई थी प्लेबॉय की शुरुआत
प्लेबॉय मैगजीन की शुरुआत ह्यू हेफनर ने की थी. प्लेबॉय नंगी तस्वीरें छापने के लिए मशहूर है, लेकिन सिर्फ इन तस्वीरों ने इस मैगजीन को इतना चर्चित नहीं बनाया. देखिए प्लेबॉय का सफर.
मर्लिन मुनरो से शुरुआत
1953 में प्लेबॉय की पहली पत्रिका मर्लिन मुनरो की पुरानी तस्वीर वाले आवरण के साथ बाजार में उतरी जिसके अंदर कई नंगी तस्वीरों के साथ कुछ आलेख थे. उस वक्त यह एक क्रांतिकारी कदम था. इस पत्रिका ने इसके बाद लगातार सीमाओं को तोड़ा. माना जाता है कि अमेरिका में 1960 के दशक में लोगों के यौन आचरणों में जो क्रांतिकारी बदलाव आया उसे चिंगारी प्लेबॉय ने लगाई थी.
नयी पत्रकारिता
ये सुनने में मजाक जैसा लगता है कि आलेख पढ़ने के लिए कोई प्लेबॉय लेता होगा लेकिन इस पत्रिका ने अपने आलेखों से भी काफी नाम बटोरा. इस पत्रिका के लिए बाइलाइन हासिल करने वालों में हंटर एस थॉम्पसन और ट्रूमैन कापोटे का भी नाम था. इन लोगों को इस पत्रिका के आलेखों से बहुत ख्याति मिली.
राजनीति का प्लेबॉय
गुमनाम मॉडल और शोहरत पाने के इच्छुक लोगों ने प्लेबॉय में दिख कर अपना प्रचार किया. इनमें दुनिया के कई प्रमुख लोग भी थे. राजनेताओँ के बड़े बड़े इंटरव्यू भी पत्रिका में छपते थे. इतिहासकार एलेक्स हाले ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर और बाद में मैल्कम एक्स से अमेरिकी नागरिक अधिकार क्रांति के दौरान बात की थी और उसे इस पत्रिका ने छापा था.
अभूतपूर्व फोटोग्राफी
62 साल से इस पत्रिका के बिकने की सबसे बड़ी वजह है महिलाओं की नंगी तस्वीरें. ह्यू हेफनर ने अपने लिए एक अनोखी जीवनशैली रची थी, वो पत्रिका के लिए तस्वीर खिंचाने वाली कई युवा लड़कियों के साथ रोमांस करते और उनके साथ रहते थे. इसके अलावा एनी लाइबोवित्स और हेलमुट न्यूटन जैसे नामी फोटोग्राफरों पर पत्रिका के लिए तस्वीरें खींचने की जिम्मेदारी थी.
चुनिंदा लेखकों का क्लब
मार्गरेट एटवुड और हारुकी मुरुकामी जैसे लेखकों ने चमकते चिकने पन्नों पर अपनी कहानियां छपवा कर खूब चर्चा बटोरी और प्लेबॉय एक ऐसा प्रकाशन बन गया जहां हर लेखक छपना चाहता था. "फाइट क्लब" के मशहूर लेखक चक पालहनियुक ने भी कई बार अपनी नयू कृतियों को प्लेबॉय के जरिये लोगों के सामने रखा.
गुटेन टाग काटरीना!
कई दूसरी भाषाओं में पहले ही छप चुका प्लेबॉय 1972 में आखिरकार जर्मनी पहुंचा. हालांकि नग्नता को लेकर यहां चल रही अलग अलग बहसों के बीच यहां यह अमेरिका की तरह लोकप्रिय नहीं हुआ. जर्मनी की विख्यात स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियन काटरीना विट ने अमेरिकी संस्करण के लिए 1998 में नंगी तस्वीरें खिंचवायू. तब उनकी उम्र 32 साल थी और यह प्लेबॉय का दूसरा ऐसा संस्करण था जिसकी सारी प्रतियां बिक गयूं.
असरदार कारीगरी
प्लेबॉय के पन्नों पर कई प्रभावशाली कलाकारों का भी असर रहा. पत्रिका के लिए मॉडलों की शूट को निर्देशित करने वालों में कीथ हैरिंग और डेविड लाशेपैल भी थे. सल्वाडोर डाली ने भी 1973 में पत्रिका के लिए अतियथार्थवादी कामुकता को निर्देशित किया था.
तस्वीर लेने के बदलते तरीके
लेना सोडरबर्ग की नवंबर 1972 के संस्करण के लिए ली गयी यह तस्वीर संयोगवश इलेक्ट्रॉनिक इमेजिंग की दुनिया की एक मानक तस्वीर बन गयी. अकादमिक पेपर में तस्वीर उतारने की इस प्रक्रिया को "लेना" कहा जाता है और यह कंप्यूटर के इतिहास में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की गयी तस्वीर है.
वयस्कों की पत्रिका से पर्दा ना उठा
पत्रिका के संपादन की जिम्मेदारी 1988 में अपनी बेटी क्रिस्टी के हवाले करने से पहले तमाम वर्जनाओं और सीमाओं को तोड़ने के बावजूद ह्यू हेफनर इसे बेपर्दा नहीं कर सके. अमेरिका में वयस्कों की सभी पत्रिकाओं को एक आवरण में बंद करके ही बेचा जा सकता था. कवर ऐसा होना चाहिए जो नंगी तस्वीरों को 18 साल से कम उम्र के लोगों से छिपा ले. यह नियम 2015 में बदल दिया गया.
नमस्कार भारत
लंबे समय से प्लेबॉय के प्रकाशक इस पत्रिका को भारत लाने की कोशिश में हैं लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली. 2012 में अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने प्लेबॉय के लिए नंगी तस्वीरें खिंचवायी. प्लेबॉय की योजना भारत में क्लब खोलने की भी थी. पहला क्लब गोवा में खुलना था लेकिन प्रशासन की अनुमति नहीं मिली.
मर्दों की नजर
महिलाओं को उपभोग की वस्तु के रूप में दिखाने के लिए इस पत्रिका की लगातार आलोचना होती रही है और ग्लोरिया स्टाइनेम इसकी सबसे बड़ी आलोचक रही हैं. प्लेबॉय ने इन आलोचनाओं के जवाब में पत्रिका का एक जुड़वां संस्करण प्लेगर्ल के रूप में 1973 से शुरू किया. इनमें केवल नग्न पुरुषों की तस्वीरें थी और इसके साथ कामुक नग्नता के एक नये युग की शुरुआत हुई.
खरगोश के पुराने कान
खरगोश के दो बड़े कानों वाला लोगो प्लेबॉय का लोगो है. प्लेबॉय के लिए यह पत्रिका और इससे जुड़ी वेबसाइट की तुलना में ज्यादा मूल्यवान है. यह लोगो बहुत सारे क्लबों से लेकर टीशर्ट, फोन कवर, नोटबुक और तमाम दूसरी जगहों पर इस्तेमाल होता है.
धीरे धीरे गायब नग्नता
अक्टूबर 2015 से पत्रिका में पूरी नंगी तस्वीरों पर रोक लगा दी गयी. यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि नये मालिकों को इंटरनेट पोर्नोग्राफी की बजाय वैनिटी फेयर जैसी पत्रिकाओँ से मुकाबला करना पड़ रहा था. इसके साथ ही हेफनर ने अपने विख्यात 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की कीमत वाले प्लेबॉय मैनसन को बेचने का एलान कर दिया. हालांकि यह उनका घर बना रहा. प्लेबॉय के लिए कई शूटिंग की पृष्ठभूमि में यही घर है.