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मदद पर अमेरिकी सलाह से बेअसर पाकिस्तान

२० अगस्त २०१०

दो करोड़ से ज्यादा बाढ़ पीड़ितों के लिए भारतीय मदद को अब तक नजरअंदाज करने वाले पाकिस्तान ने कहा कि वह इस मुद्दे पर वही करेगा, जो सही होगा. इस मामले में उसने अमेरिकी सलाह को भी साइड कर दिया है.

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तस्वीर: AP

भारत ने 25 करोड़ रुपये की सहायता की पेशकश की है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो उनका देश और मदद दे सकता है. इस सिलसिले में मनमोहन सिंह ने खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से फोन पर बात की और कहा कि 80 साल से सबसे भयंकर बाढ़ से निपटने के लिए वे और मदद दे सकते हैं.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व भारत की पेशकश पर विचार कर रहा है और अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं किया जा सका है. बासित ने कहा, "हम भारत के कदम की सराहना करते हैं. उनकी यह पेशकश संबद्ध अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है और हमें फैसले का इंतजार है."

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने भी पाकिस्तान से अपील की है कि वह भारत से मदद ले ले. इस बारे में पूछे जाने पर बासित ने कहा, "पाकिस्तान संप्रभु देश है और हम वही फैसला करेंगे, जो हमें लगेगा कि हमारे लिए सही फैसला है."

Pakistan Flut Katastrophe 2010
हर तरफ पानी ही पानीतस्वीर: AP

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री गिलानी से बातचीत के दौरान कहा कि इस तरह के प्राकृतिक विपदा के वक्त पूरे दक्षिण एशिया को एकजुट होकर बाढ़ में फंसी पाकिस्तानी जनता की मदद के लिए आगे आना चाहिए.

पिछले हफ्ते ही भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बात की थी और 50 लाख अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 25 करोड़ रुपये की फौरी मदद का प्रस्ताव रखा था. हफ्ते भर बाद भी पाकिस्तान ने इस पर हामी नहीं भरी है.

पाकिस्तान में जबरदस्त बाढ़ की वजह से 1700 लोग मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि करीब साढ़े छह लाख लोगों को फौरन शरण की जरूरत है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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