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भालू चले गए लेकिन सवाल छोड़ गए

२२ फ़रवरी २०१९

रूस में इंसानी बस्ती में घुसे 52 ध्रुवीय भालुओं को वापस भगा दिया गया है. लेकिन घटती बर्फ के बीच भूखे भालू खाना कैसे खोजेंगे, इसका जबाव मिलना बाकी है.

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Eisbären
तस्वीर: Imago/D. Delimont

रूस के पूर्वोत्तर के सुदूर नोवाया जेमल्या इलाके में अब स्थानीय लोग भयमुक्त होकर आवाजाही कर सकते हैं. आक्रामक ध्रुवीय भालुओं के चलते इलाके में 10 दिन तक आपातकाल लगाया गया था. उत्तरी ध्रुव के बर्फीले इलाकों में रहने वाले ध्रुवीय भालू (पोलर बियर) खाने की तलाश में इंसानी बस्तियों में घुस गए थे.

अधिकारियों के मुताबिक भालुओं की तादाद 52 थी. कुछ घरों में घुसे और कुछ सार्वजनिक भवनों में. 3,000 लोगों की आबादी वाले इलाके में उनकी वजह से इमरजेंसी लगा दी गई. स्थानीय प्रशासन ने इसे "अभूतपूर्व" स्थिति करार देते हुए राजधानी मॉस्को से मदद की अपील की. राजधानी ने इलाके में तैनात रूसी सेना को हालत काबू में करने का निर्देश दिया.

Bildergalerie Wilderei
पिघली बर्फ से परेशान होते ध्रुवीय भालूतस्वीर: Fotolia/st__iv

भालुओं की वापसी के बाद नोवाया जेमल्या के प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा, "इंसानी रिहाइश वाले इलाकों में ध्रुवीय भालुओं की बड़ी घुसपैठ खत्म हो चुकी है." भालू वापस न लौंटे, इसके लिए अधिकारी 24 घंटे गश्त लगा रहे हैं.

सफेद फर वाले ध्रुवीय भालू उत्तरी ध्रुव के पास आर्कटिक के बर्फीले इलाकों में रहते हैं. काले और भूरे भालुओं के उलट सर्दियों में पोलर बियर शीतनिद्रा नहीं लेते हैं. जाड़ों में सिर्फ मादाएं ही बर्फ की गुफा में सोती हैं और नींद में ही बच्चों को जन्म देती हैं. फरवरी-मार्च में जैसे ही सूरज की किरणें आर्कटिक को कुछ गुनगुना करने लगती हैं, वैसे ही मादा पोलर बियर शीतनिद्रा से जागती हैं और सबसे पहले खाना खोजती हैं. भूख मिटाने के लिए ध्रुवीय भालू बर्फ पर अपने बच्चों के साथ घूमने वाले सील और वॉलरस के झुंड का शिकार करते हैं.

Norwegen - Polarbär erschossen
इंसान पर हमला करने की कीमत इस भालू ने अपनी जान देकर चुकाईतस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Governor of Svalbard/G. B. Arntsen

लेकिन गर्म होती जलवायु और उसकी वजह से तेजी से पिघलती ध्रुवीय बर्फ पूरे इको सिस्टम को प्रभावित कर रही है. बर्फ के अभाव में सील और वॉलरस के झुंड नए इलाकों का रुख कर रहे हैं और उन पर निर्भर रहने वाले ध्रुवीय भालू परेशान हो रहे हैं. यही वजह है कि आहार की तलाश में वह कई किलोमीटर तैरते हुए जमीन पर मौजूद इंसानी आबादी का रुख करने लगे हैं. ध्रुवीय भालू पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़े भालू हैं. बीते बरसों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब उन्हें भूख से बिलखते देखा गया है.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)