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समाज

भारत से जुड़ी एक फेसबुक पोस्ट पश्चिम में वायरल

ओंकार सिंह जनौटी
३० मार्च २०२०

स्वीडन, डेनमार्क और जर्मनी में सोशल मीडिया पर भारत को लेकर एक पोस्ट वायरल हुई है. पोस्ट में दिखाया गया है कि कैसे यह जानलेवा बीमारी करोड़ों गरीबों के लिए आफत बन गई है.

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Symbolbild Digitalsteuer & US-Internetkonzerne
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Jaitner

स्वीडन की एक फेसबुक यूजर ने 28 मार्च को यह पोस्ट शेयर की. 24 घंटे के भीतर यह पोस्ट कई देशों के यूजर्स तक पहुंच गई. कइयों ने इसे शेयर किया और इस पर बहस भी होने लगी. देखिए ऐसा क्या है इसमें.

एक भारतीय डॉक्टर का नजरिया

"सोशल डिस्टेंसिंग एक विशेषाधिकार है. इसका मतलब है कि आपके पास इतना बड़ा घर है कि आप इसे अमल में ला सकें. हाथ धोना एक विशेषाधिकार है. इसका मतलब है कि आपके पास लगातार पानी की सप्लाई है. हैंड सैनेटाइजर एक विशेषाधिकार है. इसका मतलब है कि आपके पास इन्हें खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे हैं. लॉकडाउन एक विशेषाधिकार है. इसका मतलब है कि आप घर पर रहने की लागत बर्दाश्त कर सकते हैं. कोरोना को दूर रखने के ज्यादातर तरीके धनी लोगों के पास ही हैं. सच तो यही है कि दुनिया भर में उड़ान भरने वाले अमीरों ने बीमारी फैलाई है और अब ये करोड़ों गरीबों को मारेगी. हम सभी, जो सोशल डिस्टेंसिंग का अभ्यास कर रहे हैं, जिन्होंने खुद को लॉकडाउन किया है, उन्हें अपने इस विशेषाधिकार का अहसास होना चाहिए. कई भारतीय इनमें से कोई भी चीज नहीं कर सकते हैं."

इसे शेयर करने वाले तमाम यूजर्स में से एक ने लिखा, "एक भारतीय डॉक्टर हमें अहसास करा रहा है कि अलग अलग रहना, कितना बड़ा विशेषाधिकार है."

एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, "मुझे लगता है कि शुरुआत में ईरान और इटली में यह चीन के गरीब मजदूरों से फैला. बाकी बातें आपकी भावनाओं पर आधारित हैं."

रूसी भाषा में एक यूजर ने लिखा, "समस्या का समाधान करने के बजाए लोगों के भीतर शर्म का भाव न भरें."

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