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भारत सरकार को ब्लैकबेरी का टका सा जवाब

२७ अगस्त २०१०

ब्लैकबेरी फोन बनाने वाली कंपनी ने साफ कह दिया है कि किसी एक देश के लिए वो अलग नियम नहीं बनाएगी. भारत सरकार 1 सितंबर से ब्लैकबेरी पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है.

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तस्वीर: DPA

भारत सरकार यह उम्मीद लगाए बैठी थी कि कंपनी उसके कड़े रुख के आगे झुक जाएगी और ब्लैकबेरी पर भेजे जाने वाले संदेशों की जानकारी देने की सुविधा दे देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ब्लैकबेरी बनाने वाली कंपनी रिसर्च इन मोशन ने कहा है कि उसके पास संदेशों को पढ़ने वाली कोई मास्टर की नहीं है. गुरुवार शाम जारी हुए कंपनी के बयान में कहा गया है, "रिसर्च इन मोशन के पास ना तो कोई मास्टर चाबी है ना ही कोई ऐसा चोर दरवाजा जिससे कि कंपनी खुद या किसी तीसरी पार्टी को ब्लैकबेरी पर भेजे जाने वाले संदेशों की जानकारी दे सके. ऐसा कर पाना किसी भी हाल में मुमकिन नहीं है." कंपनी का कहना है कि वो पूरी दुनिया में अपनी सेवाओं का एक ही स्तर बनाए रखती है और किसी एक देश के लिए अलग इंतजाम कर पाना उसके लिए संभव नहीं है.

भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों को आदेश दिया है कि वो 31 अगस्त तक ब्लैकबेरी के संदेशों को पढ़ने और उसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचाने का इंतजाम कर लें. ऐसा नहीं होने पर दूरसंचार विभाग ने ब्लैकबेरी के संदेशों पर रोक लगाने का एलान किया है. इस समय सीमा के खत्म होने से पहले सुरक्षा एजेंसियों और ब्लैकबेरी के अधिकारियों के बीच बातचीत होने की संभावना है. हालांकि इससे पहले ही ब्लैकबेरी के तरफ से आए इस बयान ने उलझन बढ़ा दी है. इससे पहले ब्लैकबेरी ने संदेश भेजे जाने के 10 दिन बाद उसकी जानकारी देने का प्रस्ताव रखा था. सुरक्षा एजेंसियों ने इस प्रस्ताव का यह कह कर विरोध किया था कि इतनी देरी से मिली जानकारी उनके किसी काम की नहीं.

Blackberry
तस्वीर: dpa

रिसर्च इन मोशन यानी रिम का कहना है कि वायरलेस तकनीक में जटिल कोड का इस्तेमाल केवल ब्लैकबेरी ही नहीं करती दरअसल यह तो किसी भी देश के लिए अंतरराष्ट्रीय कारोबार को लुभाने और उन्हें बनाए रखने की बुनियादी जरूरत है. कंपनी का कहना है,"ब्लैकबेरी को रोकने भर से कुछ नहीं होने वाला ये बेअसर और नुकसान करने वाला होगा."

बयान में रिम ने कहा है कि वह सरकार के सामने एक उद्योग फोरम बनाने का प्रस्ताव रखने वाली है. यह फोरम सुरक्षा एजेंसियों की जरूरतों के साथ ही संदेशों की गोपनीयता को बना रखने की कोशिशों के बीच धुरी का काम करेगी. रिम ने अपने बयान में साफ किया है, " उद्योग फोरम सरकार के साथ मिलकर काम करेगी और इस तरह की नीतियों और प्रक्रियाओं को बनाने के लिए काम करेगी जिससे जटिल कोड तकनीक को दुरुपयोग रोका जा सके और साथ ही इससे होने वाले फायदों का भारत में इस्तेमाल हो सके." साथ रिम ने भारत सरकार के साथ सहयोग करने और देश की कानूनी और सुरक्षा संबंधी जरूरतों का ध्यान रखने की भी बात कही है.

इस बीच सरकार ने एक बार फिर कहा है कि अगर ब्लैकबेरी सूचनाओं पर निगरानी रखने की सुविधा नहीं देगा तो उस पर पाबंदी लगा दी जाएगी. संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में दूरसंचार विभाग के राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा, "अगर संदेशों की जानकारी की सुविधा नहीं मिली तो ब्लैकबेरी की सेवाओं पर पाबंदी लगा दी जाएगी." भारत में 10 लाख लोग ब्लैकबेरी फोन का इस्तेमाल करते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उभ