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भारत में संक्रमण अब दूसरे और तीसरे चरणों के बीच में

चारु कार्तिकेय
७ अप्रैल २०२०

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4421 हो चुकी है, जिनमें मरने वालों की संख्या 114 है. सरकार का कहना है कि भारत अब संक्रमण के स्थानीय ट्रांसमिशन और कम्युनिटी ट्रांसमिशन चरणों के बीच में है.

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Indien Corona-Pandemie Lockdown
तस्वीर: Reuters/A. Abidi

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामले अभी भी लगातार चिंताजनक गति से सामने आ रहे हैं. देश मेें कुल मामलों की संख्या 4421 हो चुकी है, जिनमें मरने वालों की संख्या 114 है. 326 लोग अभी तक ठीक भी हो चुके हैं. महाराष्ट्र में कुल 748 मामले हो गए हैं, तमिलनाडु में 621 और दिल्ली में 523 मामले हैं. सरकार का कहना है कि भारत अब संक्रमण के दूसरे और तीसरे चरणों के बीच में है, यानी स्थानीय ट्रांसमिशन और कम्युनिटी ट्रांसमिशन के बीच में. 

तालाबंदी के कुल 21 दिनों में 14 दिन बीत चुके हैं और सरकार लगातार 14 अप्रैल के बाद उठाये जाने वाले संभावित कदमों पर विमर्श कर रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम सात राज्यों ने तालाबंदी या उसके एक सीमित रूप को जारी रखने का निश्चय किया है. इनमें तेलंगाना, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव तालाबंदी को ही जारी रखने के पक्ष में हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में अपील की है. राव का कहना है, "हमारे पास संक्रमण को रोकने के लिए तालाबंदी के अलावा और कोई हथियार नहीं है...अर्थव्यवस्था छह महीने या साल भर में रिकवर कर जाएगी लेकिन अगर जानें गईं तो उन्हें वापस नहीं लाया जा सकेगा". 

Global Ideas Indien Coronavirus Lockdown in Neu-Delhi
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Kachroo

47 प्रतिशत मामले 40 साल से कम उम्र के लोगों में

केंद्र सरकार ने सोमवार को भारत में संक्रमित व्यक्तियों के बारे में कुछ नई जानकारी जारी की. सभी मरीजों में से 76 प्रतिशत पुरुष हैं और 24 प्रतिशत महिलाएं. मरने वालों में भी पुरुषों और महिलाओं का आंकड़ा कुछ ऐसा ही है. उम्र के हिसाब से देखें तो 47 प्रतिशत मामले 40 साल से कम उम्र के लोगों में हैं, 34 प्रतिशत मामले 40 साल से 60 साल की उम्र के लोगों में हैं और 19 प्रतिशत 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में हैं. 

लेकिन मृतकों में ये आंकड़े बदल जाते हैं. मरने वालों में से 63 प्रतिशत मरीज 60 साल से ज्यादा उम्र के थे, 30 प्रतिशत 40 से 60 साल के बीच की उम्र के थे और सात प्रतिशत 40 से कम उम्र के थे. इसका मतलब युवा भी बड़ी संख्या में महामारी का शिकार हुए हैं लेकिन उनमें से अधिकतर ठीक हो गए हैं. सभी मरने वालों में लगभग 86 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्हें कोई और गंभीर बीमारी, जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज, हाईपरटेंशन, किडनी की बीमारी इत्यादि थी. 

दूसरे देशों से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षा किट (पीपीई) आनी शुरू हो गई हैं. चीन से 1.70 लाख पीपीई किट मिले हैं. सरकार का कहना है कि 20,000 पीपीई देश में उपलब्ध हैं और दोनों मिला कर 1.90 लाख पीपीई अब अस्पतालों में बांटे जाएंगे.

Coronavirus in USA Kirkland Reinigungsteam in Schutzkleidung
तस्वीर: AFP/Getty Images/J. Moore

अमेरिका का दबाव 

इस बीच अमेरिका से भारत पर हाईड्रौक्सीक्लोरोक्विन (एछसीक्यू) के निर्यात पर बैन हटाने का दबाव बढ़ता जा रहा है. भारत ने संक्रमण के शुरुआत में ही यह बैन लगा दिया था. हालांकि भारत में भी अभी इस दवा का इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर नहीं किया जा रहा है. सरकार ने अब कहा है कि जिन देशों में हालात बहुत खराब हैं वहां भारत आवश्यक दवाएं जरूर भेजेगा.

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