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भारत में मॉनसून का कहर, 45 लाख लोग प्रभावित

१५ जुलाई २०१९

भारत के उत्तरी और पूर्वी राज्यों में मॉनसून ने कहर मचा रखा है. करीब 45 लाख लोग प्रभावित हैं और हजारों बेघर हो गए हैं. अधिकारियों के अनुसार सात राज्यों में बुधवार से भारी वर्षा और बाढ़ में 51 लोग मारे गए हैं.

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असम के गोवाहाटी में चक्रेश्वर मंदिर के भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्ति ब्रह्मपुत्र के पानी में डूबी.तस्वीर: IANS

ताजा घटना में उत्तरी प्रांत हिमाचल प्रदेश में वर्षा के दौरान एक इमारत के गिरने से 8 लोग मारे गए. उनमें सेना के छह जवान और बाकी असैनिक नागरिक थे. हिमाचल के सोलन जिले में हुई इस घटना में 31 लोगों को बचाया गया है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि आधार कमजोर होने के कारण तीन मंजिला इमारत गिरी. वहां के रेस्तरां में सेना के जवान खाना खाने रुके थे.

बाढ़ से सबसे गंभीर रूप से पूर्वोत्तर राज्य असम प्रभावित है. वहां 26 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. प्रांत के 28 बाढ़ प्रभावित जिलों में 11 लोगों की जानें गई हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार, असम से नौ और मौतों के अलावा मेघालय से पांच और अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम से दो लोगों के मरने की खबर है.

बहुत से लोग बेघर हो गए हैं तो ढेर सारे लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. फसल का भारी नुकसान हुआ है. करीब 17,000 लोगों को सरकारी रिलीफ कैंपों में रखा जा रहा है.

उत्तर प्रदेश और बिहार में 23 लोगों की जान चली गई है. अधिकारियों का कहना है कि बिहार में 19 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए पूर्वोत्तर में और वर्षा की भविष्यवाणी की है. इसलिए स्थिति में सुधार के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं.

भारत में मॉनसून का समय जून से सितंबर महीने तक रहता है. इस दौरान कई इलाकों में भारी वर्षा होती है. वर्षा इन इलाकों में खेती के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन अकसर इसकी वजह से नदियों में बाढ़ आ जाती है और भारी नुकसान भी होता है.

एमजे/आरपी (डीपीए)

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