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भारत में किसने भेजे ड्रोन से हथियार?

२५ सितम्बर २०१९

भारत में पंजाब की पुलिस का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से आए ड्रोन ने कई जगहों पर हथियार गिराए हैं. पुलिस ने इस सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

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Drohne mit Kamera
प्रतीकात्मक तस्वीरतस्वीर: picture-alliance/CHROMORANGE/C. Suhrbier

पुलिस के मुताबिक ड्रोन की मदद से सितंबर के महीने में कम से कम आठ बार ड्रोन भारत आए हैं और इनसे 80 किलो से ज्यादा हथियार और दूसरे साजो सामान गिराए गए हैं. इन हथियारों के साथ सेटेलाइट फोन भी है. पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद 22 सितंबर को पंजाब के तरनतारन से पांच एके 47 राइफलों और भारी संख्या में गोली बारूद समेत दूरे हथियार बरामद किए हैं. यहां पुलिस ने हथियारों के साथ चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

पुलिस ने एक जली हुई ड्रोन बरामद करने का भी दावा किया है. भारत के कुछ अखबारों और टीवी चैनलों ने इस बारे में खबर दी है. हिंदुस्तान टाइम्स अखबार ने लिखा है कि इस ड्रोन में चीन में बनी बैट्रियां लगी हुई थीं. हथियारों में 5 सेटेलाइट फोन होने से यह आशंका तेज हुई है कि इन्हें आखिरकार जम्मू कश्मीर में हमलों के लिए इस्तेमाल किया जाना था. इन सेटेलाइट फोन के नागरिक इस्तेमाल पर भारत में रोक है. जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद से वहां कर्फ्यू जैसे हालात हैं और संचार लगभग ठप्प है.

पुलिस के मुताबिक ये हथियार खालिस्तानी आतंकवादियों के संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के लिए भेजे गए हैं. इस संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी समर्थन देती है और हथियार पहुंचाने के इस काम में जर्मनी और लाहौर के कुछ लोग शामिल हैं.

प्रमुख समाचार चैनल एनडीटीवी ने पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इस काम में ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है जो पांच किलो या फिर उससे थोड़ा ज्यादा वजन लेकर उड़ सकते हैं. इन ड्रोनों के बारे में सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को या रडार को इसलिए जानकारी नहीं मिल सकी क्योंकि ये काफी नीचे उड़ान भर रहे थे. प्रमुख दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इस बारे में खबर छापी है. अखबार के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री को ध्यान देने के लिए कहा है.

भारत और पाकिस्तान के बीच बीते कुछ महीनों से तनाव बढ़ गया है. खासतौर से कश्मीर का विशेषाधिकार खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत से हर तरह के संबंध खत्म कर लिए हैं. कश्मीर में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती है और पाकिस्तान भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा रहा है. उधर भारत का कहना है कि कश्मीर में अशांति की आशंका को देखते हुए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल का कहना है कि 500 से ज्यादा आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं.

पाकिस्तान ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. न्यू यॉर्क में पत्रकारों के सवाल के जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि, "कश्मीर में पाकिस्तान आतंकवादियों को भेज कर क्या हासिल कर लेगा जब कि वहां 9 लाख से ज्यादा सुरक्षाबल तैनात हैं. ऐसा करने से कश्मीरी लोगों का दमन और बढ़ जाएगा."

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर कहा, "आठ लाख से ज्यादा लोग एक तरह से खुली जेल में हैं जो आज के दौर में एक बिल्कुल अनोखी बात है...सबसे बड़ी चिंता है कि क्या होगा जब कर्फ्यू खत्म होगी. 9 लाख से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात हैं और वहां पूरी तरह से जनसंहार शुरू हो जाएगा." इमरान खान ने यह भी कहा, "दो परमाणु ताकत वाले देश किसी वक्त आपस में भिड़ जाएं इसके बहुत आसार हैं." इमरान खान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मसला उठाने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि उन्हें अब तक बहुत कामयाबी नहीं मिल सकी है. उन्होंने खुद भी यह बात मानी है.

भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इन दिनों अमेरिका में हैं. 27 सितंबर को दोनों नेता संयुक्त राष्ट्र की आमसभा को संबोधित करने वाले हैं. इससे पहले दोनों नेताओं ने बारी बारी से अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात की है.

रिपोर्ट: निखिल रंजन(एपी)

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